सार
श्रीनगर के लाल बाजार इलाके में आतंकी हमले में शहीद हुए ASI मुश्ताक अहमद की फैमिली में 2 साल के अंदर दूसरा बड़ा हादसा हुआ है। 2 साल पहले ASI का एक बेटा आतंकवादियों का साथ देने के चलते एनकाउंटर में मारा गया था। अब ASI आतंकवादियों की गोली का शिकार बन गए। अपने पति का चेहरा देखने उनकी विधवा ने हंगामा कर दिया। उन्होंने ताबूत पर कब्जा कर लिया। कफन हटा दिया। पढ़िए चौंकाने वाली घटना...
श्रीनगर.ईद के ठीक तीसरे दिन श्रीनगर के लाल बाजार इलाके में एक नाका पार्टी(नाकाबंदी) पर हुए आतंकी हमले में शहीद ASI मुश्ताक अहमद के परिवार को 2 साल के अंदर दूसरी मौत का सामना करना पड़ा है। ASI मुश्ताक अहमद का एक बेटा आकिब दो साल पहले सुरक्षा बलों के साथ एनकाउंटर में मारा गया था। इंजीनियरिंग के स्टूडेंट आकिब पर आरोप था कि वो आतंकवादी बन गया था। मुश्ताक का दूसरा बेटा अभी सेना में इंजीनियर है। हालांकि आकिब के आतंकवादी होने पर परिवार ने कभी भरोसा नहीं किया, बल्कि इसे लेकर विरोध जताया। इसकी इसकी जांच भी शुरू हुई थी, लेकिन रिजल्ट कुछ नहीं निकला। इस बीच जब मुश्ताक का शव अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, तो उनके परिवार ने हंगामा कर दिया। उनकी विधवा ताबूत छोड़ने को तैयार नहीं हुई। उन्होंने कफन हटा दिया और पति का चेहरा देखने मचल उठीं। काफी देर तक हंगामा चलता रहा। फिर पुलिसवालों ने उन्हें काबू करके समझाया।
आकिब की मौत पर सवाल
मुश्ताक के भाई फारुक अपने भाई आकिब के एनकाउंटर पर सवाल उठाते रहे। वे पूछते रहे कि उनके भाई को क्यों मारा गया? वो तो बहुत शांत इंसान था। जब मुश्ताक पर हमला हुआ, तब फारुख ड्यूटी पर था। फारुख के चाचा ने फोन करके घटना के बारे में बताया। मुश्ताक की पत्नी ने रो-रोकर कहा कि उनका परिवार बिखर गया है।
मुश्ताक अहमद मीर के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए
ASI मुश्ताक अहमद का दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में उनके पैतृक गांव साच में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। अंतिम संस्कार के दौरान कुछ महिलाओं ने ताबूत पर कैंडी और फूल बरसाए। नम आंखों के बीच मृतक के शव को पुश्तैनी कब्रिस्तान में दफनाया गया। स्थानीय मुनीर अहमद मीर ने कहा कि यह घटना पूरे गांव के लिए सदमे की तरह है। मुश्ताक साहब की हत्या ने पूरे परिवार को तबाह कर दिया है। हम उन्हें खोने का दर्द बयां नहीं कर सकते। परिवार के एक करीबी सदस्य गुलाम मोहम्मद ने कहा कि एएसआई मुश्ताक दो दशक से अधिक समय से पुलिस विभाग में काम कर रहे थे। उनके परिवार में उनकी विधवा, दो बेटियां और एक बेटा है।
यह है पूरा मामला
यह हमला अमरनाथ यात्रा के हाई अलर्ट(high alert for amarnath yatra) के बीच हुआ। ADGP कश्मीर क्षेत्र विजय कुमार के मुताबिक, इस आतंकी हमले में दो और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। ADGP के अनुसार चूंकि 12 जुलाई को ईद अल-अधा का तीसरा दिन था, इसलिए बाजार में भारी भीड़ थी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एक नाका लगाया गया था। इलाके में पुलिस की एक छोटी टीम तैनात की गई थी। इस टीम में ASI और दो अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। इसलिए आतंकवादियों ने इसका फायदा उठाया और नाका पार्टी पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इस हमले में मुश्ताक को नहीं बचाया जा सका।
ADGP ने कहा- जल्द हत्यारों को होगा सफाया
ADGP कश्मीर जोन विजय कुमार ने कहा कि वे CCTV फुटेज स्कैन कर रहे हैं। हमले में शामिल आतंकवादियों का पता लगाने के लिए स्थानीय लोगों की मदद ले रहे हैं। इस मॉड्यूल में शामिल आतंकवादियों और अन्य समर्थकों के खिलाफ एक्शन होगा। बता दें कि घटना के बाद लश्कर (टीआरएफ) ने दावा किया कि यह हमल उसने किया था। लेकिन फिर ISJK (SAWT-AL-HIND) ने न केवल इस हमले के लिए दावा किया है, बल्कि लश्कर (TRF) को धमकी भी दी है। ADGP ने दो टूक कहा किहमारे लिए आतंकवादी सिर्फ आतंकवादी हैं और उन्हें जल्द से जल्द बेअसर कर देंगे।
सर्च ऑपरेशन तेज किया गया
लाल बाजार में हुए हमले के मद्देनजर सुरक्षा बलों ने श्रीनगर में चौकसी बढ़ा दी है। ग्रीष्मकालीन राजधानी( summer capital) के कुछ हिस्सों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि ऐसे हमलों पर नजर रखने के लिए श्रीनगर के कई इलाकों में उड़न दस्ते के साथ सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। सिक्योरिटी ड्रिल के तहत वाहनों की जांच की जा रही है और लोगों की तलाशी ली जा रही है।
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