सार
हिजाब विवाद पर बीजेपी नेतृत्व ने कर्नाटक सरकार और नेताओं से कहा है कि वे जनता के बीच इस संदेश को पहुंचाएं कि पार्टी मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ नहीं है।
बेंगलुरू। कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद (Hijab Row) थमने का नाम नहीं ले रहा है। उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के चलते इसे राजनीतिक दलों ने और भड़का दिया। अब बीजेपी को यह डर सताने लगा है कि इसके चलते पार्टी के मुस्लिम महिलाओं का विरोधी होने की छवि न बन जाए। इसके चलते पार्टी नेतृत्व ने कर्नाटक सरकार और नेताओं से कहा है कि वे जनता के बीच इस संदेश को पहुंचाएं कि बीजेपी मुस्लिम महिलाओं की विरोधी नहीं है।
मंगलौर सिटी से बीजेपी के सांसद वाई भरत शेट्टी (Y Bharat Shetty) ने कहा है कि पार्टी हाई कमान ने हिजाब विवाद मुद्दे पर एक एडवाइजरी जारी किया है। भरत शेट्टी ने कहा कि केंद्रीय बीजेपी नेतृत्व ने हिजाब विवाद पर नेताओं और राज्य सरकार से कहा है कि यह संदेश स्पष्ट रूप से जनता के बीच दिया जाए कि भाजपा मुस्लिम महिलाओं की विरोधी नहीं है। ड्रेस कोड लागू करने के मामले को संस्थानों पर छोड़ देना चाहिए।
भरत शेट्टी ने कहा कि स्थानीय नेताओं और राज्य सरकार से कहा गया है कि इस मामले में संबंधित स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक की जाए और उन्हें विश्वास में लिया जाए। इसके लिए समाज के लोगों, शिक्षण संस्थान के प्रबंधन और छात्रों के अभिभावकों के साथ बैठकें बुलाई जा रहीं हैं।
कर्नाटक से शुरू हुआ था विवाद
बता दें कि कर्नाटक में हिजाब विवाद की शुरुआत उडुपी के एक कॉलेज से हुई थी। यहां जनवरी में हिजाब पर बैन लगा दिया था। इस मामले के बाद उडुपी के ही भंडारकर कॉलेज में भी ऐसा ही किया गया। अब यह बैन शिवमोगा जिले के भद्रवती कॉलेज से लेकर तमाम कॉलेज तक फैल गया है। इस मामले को लेकर रेशम फारूक नाम की एक छात्रा ने कर्नाटक हाईकोर्ट याचिका दायर की है। इस मामले में सुनवाई चल रही है।
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