ये वीडियो बॉर्डर पर कठिन परिस्थितियों में भी पूरे दमखम के साथ सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाले भारतीय जवानों के अदम्य साहस को दिखाता है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ( ITBP) के जवानों ने सिक्किम में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर एक योग सत्र का आयोजन किया। इसका वीडियो और फोटो ITBP ने खुद Tweet किए हैं।

सिक्किम.  उत्तराखंड में 15000 फीट की ऊंचाई पर योगा करने के बाद भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ( ITBP) के जवानों ने अब सिक्किम में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर एक योग सत्र का आयोजन किया। ये वीडियो बॉर्डर पर कठिन परिस्थितियों में भी पूरे दमखम के साथ सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाले भारतीय जवानों के अदम्य साहस को दिखाता है। इसका वीडियो और फोटो ITBP ने खुद Tweet किए हैं। ITBP ने अपने ऑफिशियल twitter पर इसकी फोटो और वीडियो शेयर करते हुए लिखा- भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के हिमवीर आगामी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 की तैयारी में बर्फ की परिस्थितियों में 17,000 फीट की ऊंचाई पर योग सत्र के दौरान।

21 जून को मनाया जाएगा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 
2015 से हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास का तरीका योग दुनियाभर में प्रचलित है। योगा भारत में जन्मा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में अपने संयुक्त राष्ट्र के संबोधन में 21 जून की तारीख का सुझाव दिया था। वजह यह उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन है। दुनिया के कई हिस्सों में इसका विशेष महत्व है। इस बार केंद्र सरकार योगा को प्रोत्साहित करने के मकसद से दुनियाभर में 21 जून तक-‘100 दिन, 100 शहर और 100 संगठन’ थीम पर आधारित एक अभियान चला रही है। इसके तहत योग कार्यक्रम, योग प्रदर्शन, कार्यशालाएं और सेमिनार हो रहे हैं।

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इससे पहले उत्तराखंड में 15000 फीट की ऊंचाई पर किया था योगा
ITBP के जवानों ने 29 अप्रैल को भी एक वीडियो शेयर किया था। इसमें कहा गया कि जवानों ने उत्तराखंड (Uttrakhand) के बर्फ से ढके हिमालय क्षेत्र में 15,000 फीट की ऊंचाई पर योग (Yoga) किया।

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मार्च में बर्फीली पहाड़ियों पर कबड्डी खेलते दिखे थे
मार्च में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, आईटीबीपी के जवान बर्फीली पहाड़ियों के बीचो कबड्डी खेलते नजर आए थे। सोशल मीडिया पर यह वीडियो काफी पसंद किया गया था। बता दें कि भारत-चीन संघर्ष के बादा देश की उत्तरी सीमाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 24 अक्टूबर 1962 को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल का गठन किया गया था। आईटीबीपी की शुरुआत केवल चार पलटनों के एक छोटे से दल के रूप में हुई थी, जो अब 45 सेवा पलटनों और चार विशेषीकृत पलटनों का बड़ा रूप ले चुका है। आईटीबीपी भारत-तिब्बत सीमा की सुरक्षा और रखवाली करना, सीमा की जनता को सुरक्षा की भावना प्रदान करना, महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा और आन्तरिक सुरक्षा कर्तव्यों का निर्वहन और आपदा प्रबंधन जैसे काम देखती है।

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