सार

चक्रवाती तूफान (Cycloe Jawad) से निपटने की तैयारियां जानने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) ने गुरुवार को राज्यों और केंद्रीय मंत्रियों के साथ हाई लेवल मीटिंग (High Level Meeting)की। उन्होंने चक्रवात से प्रभावित होने वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के निर्देश दिए। 

नई दिल्ली। ताउते (Tauktae Cyclone) और यास (Yaas Cyclone) के बाद अब चक्रवाती तूफान जवाद (Cyclone Jawad) का खतरा मंडरा रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। इससे जवाद के तेज होने की उम्मीद है। यह उत्तरी आंध्र प्रदेश के तट तक पहुंचने वाला है। शनिवार 4 दिसंबर 2021 की सुबह यहां हवा की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। इससे आंध्र प्रदेश, ओडिशा (Odisha) और पश्चिम बंगाल (West bengal)के तटीय जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है। 

तूफान से निपटने की तैयारियां जानने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यों और केंद्रीय मंत्रियों के साथ हाई लेवल मीटिंग (High Level Meeting) की। उन्होंने चक्रवात से प्रभावित होने वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के निर्देश दिए। मोदी ने कहा कि सभी जरूरी सेवाएं जैसे कि बिजली, टेलीफोन, स्वास्थ्य, पेयजल आदि का मेंटेनेंस करा लें, जिससे कि कोई भी बाधा होने पर इन्हें तुरंत ठीक किया जा सके। उन्होंने जरूरी दवाओं और आपूर्ति का पर्याप्त स्टॉक करने और निर्बाध आवाजाही की व्यवस्था तैयार करने के निर्देश दिए। मोदी ने कहा कि चौबीस घंटे काम करने वाला एक कंट्रोल रूम भी बनाएं। 

आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के हिस्से होंगे प्रभावित 
इस चक्रवाती तूफान के आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विशाखापत्तनम और विजयनगरम और ओडिशा के तटीय जिलों को प्रभावित करने की आशंका है। इसके साथ ही तटीय क्षेत्र और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी वर्षा की आशंका जताई जा रही है। एनडीआरएफ यानी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने इन राज्यों में 32 टीमों को तैनात किया है और अतिरिक्त टीमों को तैयार रखा जा रहा है।

एनडीआरएफ की 29 टीमें लगीं, 32 स्टैंडबाय मोड पर 
- तूफान से निपटने के लिए गृह मंत्रालय चौबीसों घंटे स्थिति की समीक्षा कर रहा है। एनडीआरएफ की 29 टीमें प्रभावित होने वाले इलाकों में पहले से तैनात की जा चुकी हैं। इनके पास नावें, पेड़ काटने वाले उपकरण और दूरसंचार के जरूरी संसाधन मौजूद हैं। 33 टीमों को स्टैंडबाय पर रखा है।
- नेवी कोस्ट गार्ड और नौसेना ने राहत एवं बचाव के लिए जहाज और हेलिकॉप्टर तैनात कर दिए हैं। एयरफोर्स और आर्मी की इंजीनियर टास्क फोर्स यूनिटें भी नावों और राहत उपकरणों के साथ स्टैंडबाय मोड पर हैं।  
- सर्विलांस एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर तट पर लगातार निगरानी कर रहे हैं। आपदा राहत दल और चिकित्सा दल पूर्वी तट से लगे स्थानों पर तैयार हैं।
- विद्युत मंत्रालय इमरजेंसी में व्यवस्था के लिए बिजली ट्रांसफॉर्मर, डीजी सेट और अन्य उपकरण तैयार कर रहा है। सभी मोबाइल फोन नेटवर्क तुरंत बहाल हों, इसके लिए संचार मंत्रालय की सभी टावरों पर नजर है। 
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रभावित क्षेत्रों में कोविड से निपटने के लिए एडवायजरी जारी की है। पोर्ट, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय ने सभी शिपिंग जहाजों को तैयार रखने की व्यवस्था की है।  

यह भी पढ़ें
Congress Controversy:गांधी फैमिली पर प्रशांत किशोर का कमेंट-10 साल में 90% चुनाव हारी है, लीडरशिप पर सवाल
MP: Rewa में ये कैसी विदाई, APS University के उपकुलसचिव को रिटायरमेंट पर जूतों की माला दी, जानें पूरा मामला