सार

MSACS के अनुसार, एड्स के रोगियों के इलाज के लिए व्यापक स्तर पर काम किया जा रहा है। अक्टूबर 1990 से इस वर्ष मार्च तक अब तक 25,982 लोगों में एड्स कस ट्रीटमेंट किया गया है। 3,506 लोगों की मृत्यु इस घातक बीमारी के कारण हो चुकी है।
 

नई दिल्ली। भारत में HIV/AIDS को लेकर तमाम जागरुकता व एहतियातों के बावजूद केस में कोई कमी नहीं आ रहे हैं। पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम (Mizoram) में एड्स के मामलों की सबसे अधिक बढ़ोतरी देखी जा रही है। इस राज्य में नेशनल एवरेज से दस गुना केस मिल रहे हैं। यहां एड्स के मरीजों की संख्या देश के अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक है। 

सबसे अधिक एड्स रोगियों वाला राज्य बना मिजोरम

सरकार के आंकड़ों पर गौर करें तो मिजोरम में एचआईवी/एड्स की घटनाओं का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से 10 गुना अधिक है। पूर्वोत्तर का यह राज्य मिजोरम अब देश में सबसे अधिक एचआईवी / एड्स रोगियों या संदिग्धों का राज्य बन चुका है। इस राज्य की आबादी 2011 में हुए जनगणना के हिसाब से 10.91 लाख है। आंकड़ों के अनुसार यहां एड्स संक्रमितों की संख्या आबादी के 2.30 प्रतिशत से अधिक है।

साढ़े तीन हजार से अधिक की जान इस बीमारी से गई

मिजोरम में एड्स संक्रमितों की संख्या सबसे अधिक होने के साथ ही मौतों का आंकड़ा भी सबसे अधिक है। अक्टूबर 1990 में राज्य का पहला एड्स का मामला सामने आया था। उसके बाद से मिजोरम में में अबतक इस बीमारी से 3506 लोगों की जान जा चुकी है। 

25 हजार से अधिक का हो चुका है ट्रीटमेंट

MSACS के अनुसार, एड्स के रोगियों के इलाज के लिए व्यापक स्तर पर काम किया जा रहा है। अक्टूबर 1990 से इस वर्ष मार्च तक अब तक 25,982 लोगों में एड्स कस ट्रीटमेंट किया गया है। 3,506 लोगों की मृत्यु इस घातक बीमारी के कारण हो चुकी है। साढ़े तीन हजार से अधिक संक्रमित एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) का लाभ उठा रहे हैं।

24 से 34 एज ग्रुप वालों में सबसे अधिक

एड्स सक्रमितों की संख्या 25-34 आयु वर्ग के युवाओं में सबसे अधिक 42.12% है। इसके बाद 35-49 आयु वर्ग के लोगों में संक्रमण है। इस आयुवर्ग के संक्रमितों का प्रतिशत करीब 27% है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2338 लोग, 2020-2021 में 1,900 लोग और वित्त वर्ष 2021-2022 में कम से कम 1,620 लोगों में एड्स का पता चला है। 65 प्रतिशत एचआईवी संक्रमित तो सेक्सुअल वजहों से हो रहे हैं लेकिन 32 प्रतिशत मामले गलत तरीके से नशा लेने की प्रवृत्ति से हो रहा है। दरअसल, इंफेक्टेड सीरिंज से नशे का सेवन करने वाले भी काफी संख्या में एड्स का शिकार बन रहे हैं।

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