सार
हैकर्स ने आईसीएमआर की वेबसाइट को हैक करने की काफी कोशिश की है। महज 24 घंटे में हैकर्स ने 6000 से अधिक बार टारगेटेड हैकिंग की कोशिश की लेकिन साइट प्रोटेक्टेड होने की वजह से सुरक्षित रही।
Cyber attack: एम्स दिल्ली के बाद मेडिकल संस्थानों का डेटा भी हैकर्स बार बार हैक कर भारतीय साइबार सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स को चुनौती दे रहे हैं। हैकर्स ने देश की टॉप मेडिकल इंस्टीट्यूट आईसीएमआर की वेबसाइट में सेंधमारी की कोशिश की है। हालांकि, अधिकारियों ने दावा किया कि आईसीएमआर की वेबसाइट को हैक करने की कोशिश विफल कर दी गई है। हैकर्स ने 24 घंटे में छह हजार बार कोशिश की है। दरअसल, एम्स दिल्ली की वेबसाइट रैंसमवेयर हमले के बाद पूरी तरह से ठप हो गई जिसकी वजह से ऑनलाइन सर्विस ठप है।
30 नवम्बर को 6000 बार किया टारगेट
आईसीएमआर के एक अधिकारी ने बताया कि हांगकांग के हैकर्स ने 30 नवम्बर को आईसीएमआर की वेबसाइट को हैक करने की काफी कोशिश की है। महज 24 घंटे में हैकर्स ने 6000 से अधिक बार टारगेटेड हैकिंग की कोशिश की लेकिन साइट प्रोटेक्टेड होने की वजह से सुरक्षित रही। उन्होंने बताया कि आईसीएमआर वेबसाइट का डेटा सुरक्षित है। वेबसाइट में कोई डाउनटाइम नहीं देखा गया। भविष्य में भी ऐसा न हो इसलिए साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स लगातार निगरानी कर रहे हैं।
संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी के लिए पहले से तैयार है आईसीएमआर
आईसीएमआर की वेबसाइट एनआईसी फायरवाल और अन्य साइबर सिक्योरिटी से लैस है। हालांकि, हैकर्स के बारम्बार अटैक के बाद वेबसाइट को CERT-IN empaneled agency ने सिक्योरिटी ऑडिट की है। आईसीएमआर साइट एनआईसी डेटा सेंटर में होस्ट की गई है। इसके फायरवाल को एनआईसी से नियमित अपडेट किया जाता है। यह निर्णय लिया गया कि महत्वपूर्ण वेब और डेटा पोर्टल्स को गवर्नमेंट कम्युनिटी क्लाउड (जीसीसी) में माइग्रेट किया जाएगा। जीसीसी की खरीद के लिए प्रस्ताव (आरएफपी)तैयार किया जा रहा है और अंतिम चरण में है। एक आईसीएमआर डेटा सेंटर (दिल्ली और चेन्नई) और एक डिजास्टर-रिकवरी साइट (बैंगलोर) विकसित किया जा रहा है। आईसीएमआर और विभिन्न स्थानों का नेटवर्क सुरक्षा ऑडिट तत्काल आधार पर किया जाएगा।
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