सार

लाल सागर में हुए हौथी हमले में वीरतापूर्ण काम करने पर भारतीय कैप्टन और चालक दल को आईएमओ 2024 पुरस्कार मिला है। उन्होंने समुद्र के अंदर सहासीक बहादुरी दिखाई थी।

दिल्ली. हौथी द्वारा किए गए मिसाइल हमले से जहाज में लगी आग पर काबु पाने और जहाज पर तैनात लोगों की जान बचाने के लिए भारतीय कप्तान अविलाश रावत और उनके चालक दल को आईएमओ 2024 पुरस्कार प्रदान किया गया है। उन्होंने समुद्र के अंदर हुए हमले में असाधारण बहादुरी दिखाई थी।

विजेता घोषित किया

जानकारी के अनुसार कैप्टन अविलाश रावत और उनके चालक दल को बुधवार को आईएमओ द्वारा विजेता घोषित किया गया। उन्होंने 2024 की शुरुआत में ही हौथी विद्रोहियों द्वारा दागे गए मिसाइल से जहाज मार्लिन लुआंडा की सुरक्षा की थी। क्योंकि हमले के बाद जहाज में आग लग गई थी। जिसके कारण बड़ हादसा होने का भय था।

26 जनवरी को हुआ था हादसा

दरअसल ये हादसा 26 जनवरी की शाम को हुआ था। इस कारण कैप्टन को दिए गए प्रशस्ति पत्र में भी इसका उल्लेख किया गया है। जिसमें लिखा "26 जनवरी 2024 की शाम को 84,147 टन नेफ्था लेकर मार्लिन लुआंडा स्वेज से इंचियोन जा रहा था, तभी उस पर एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल से हमला हुआ था। इस हमले में एक कार्गो टैंक में आग लग गई थी। ​जिसकी लपटें करीब 5 मीटर से अधिक ऊंची उठीं थी। ऐसे में कैप्टन अविलाश रावत ने तेजी से आग को बुझाने का प्रयास किया। इसी के साथ उन्होंने चालक दल की सुरक्षा भी की। स्टारबोर्ड लाइफबोट के खत्म हो जाने के बाद शेष चालक दल पोर्ट लाइफबोट स्टेशन पर एकत्रित किया। ताकि संभावित निकासी के लिए तैयार हो सके।

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फोम खत्म हुआ तो समुद्र के पानी से बुझाई आग

कैप्टन और उनके दल ने स्थिर फोम मॉनिटर और पोर्टेबल होज का उपयोग करके आग पर काबू पाया था। आग लगातार फैल रही थी। जिससे पास वाले टैंक में भी आग फैलने का डर था। ऐसे में आग को बुझाने में उपयोग आनेवाला फोम भी खत्म हो गया था। इसके बाद टीम ने समुद्र के पानी का उपयोग करके आग को कंट्रोल किया था।

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