सार
जगन्नाथ पुरी मंदिर के पास बेशकीमती गहनों का खजाना और रत्नों के भंडार है। इन खजानों की रखवाली जहरीले नाग सहित अन्य जीव जंतु कर रहे हैं। तो अब ऐसा क्या हुआ जो मंदिर प्रशासन को सपेरे ढूंढने पड़ रहे है। ये हम कोई कहानी नहीं सुना रहे बल्कि यही सच है।
पुरी. जगन्नाथ पुरी मंदिर प्रशासन अब जल्द ही खजाने और रत्न भंडार खोलने जा रहा है। चूंकि इन खजानों पर सांपों का पहरा रहता है। इस कारण ये सांप किसी को डस नहीं लें, इसलिए मंदिर प्रशासन सुरक्षा के लिए सपेरे तलाश रहा है। इसी के साथ कुछ डॉक्टरों की टीम भी खजाने खोलते समय तैनात की जाएगी। ताकि किसी को सांप ने डस भी लिया तो तुरंत उसका इलाज किया जाएगा। टीम के पास जहर को उतारने की पर्याप्त दवाईयां भी होगी।
खजानों की रखवाली करते हैं नाग
ये तो आपने सुना ही होगा कि खजानों की रखवाली नागराज करते हैं। ऐसा होता भी है। तभी तो खजाने सुरक्षित रहते हैं। चूंकि जगन्नाथ पुरी का मंदिर प्रशासन 14 जुलाई को मंदिर के खजाने और रत्न भंडार खोलने वाला है। इसलिए जहरीले सांपों के खतरे से बचने के लिए सपेरे बुलाए जा रहे हैं। ताकि वे उन्हें वश में कर सकें। अगर फिर भी किसी को सांप ने डसा तो उसका तुरंत इलाज भी किया जाएगा।
46 साल बाद खुल रहे भंडार
जानकारी के अनुसार पुरी मंदिर के रत्न भंडार और खजाने करीब 46 साल बाद खोले जा रहे हैं। इससे पहले रत्न भंडार खोले गए थे। क्योंकि उस समय भगवान बालभद्र के लिए सोने का एक आभूषण निकाला था।
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कोबरा करते हैं रखवाली
मंदिर समिति से जुड़े जानकारों का मानना है कि इन रत्न आभूषणों के भंडार की रखवाली किंग कोबरा करते हैं। ऐसे में बगैर सपेरे के इन भंडार को खोलना भी किसी रिस्क से कम नहीं है। इसलिये स्पेशल सपेरे बुलाए जा रहे हैं। समिति के सदस्यों का कहना है हम देखने के लिए उत्सुक हैं कि खजाने में कितनी प्राचीन वस्तुएं हैं। लेकिन उनकी रखवाली कर रहे सांपों से भी हमें डर है। उन्होंने बताया कि जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर का निर्माण चल रहा है। इस दौरान भी मंदिर परिसर में कई सांप मिले थे। इसलिए निश्चित ही मंदिर के रत्न भंडार में कई सांप होंगे।
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