सार
केंद्र द्वारा राज्यों को यह पहले ही संकेत दे दिया गया है कि अगले 15 दिनों तक यानि इस महीने तक ही फ्री वैक्सीन उपलब्ध कराया जा सकेगा। प्राइवेट अस्पताल या राज्यों को अगले महीने के वैक्सीन डोज के लिए सीधे मैन्युफैक्चरर्स से खरीदी करनी होगी। केंद्र ने पहले ही यह संकेत इसलिए दिया ताकि राज्य प्रशासन अपने स्तर से बेहतर प्लानिंग कर सके और वैक्सीनेशन में बाधा न हो।
नई दिल्ली। कोविड संक्रमण को रोकने के लिए देश में आधा दर्जन से अधिक वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों का प्रोडक्शन जल्द शुरू होने वाला है। दिसंबर तक देश में 216 करोड़ का प्रोडक्शन होगा। हालांकि, केंद्र सरकार ने राज्यों को यह संकेत दे दिया है कि 15 दिनों के बाद से वह राज्यों को फ्री वैक्सीन नहीं देगी। आईए जानते हैं कि केंद्र ने क्यों फ्री वैक्सीन बंद करने का संकेत दिया है। वैक्सीन से जूझ रहे देश को दिसंबर तक कैसे 216 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध हो सकेगा।
केवल अगले 15 दिनों तक ही केंद्र देगा फ्री वैक्सीन
नीति आयोग के सदस्य वीके पाल ने बताया कि केंद्र द्वारा राज्यों को यह पहले ही संकेत दे दिया गया है कि अगले 15 दिनों तक यानि इस महीने तक ही फ्री वैक्सीन उपलब्ध कराया जा सकेगा। प्राइवेट अस्पताल या राज्यों को अगले महीने के वैक्सीन डोज के लिए सीधे मैन्युफैक्चरर्स से खरीदी करनी होगी। केंद्र ने पहले ही यह संकेत इसलिए दिया ताकि राज्य प्रशासन अपने स्तर से बेहतर प्लानिंग कर सके और वैक्सीनेशन में बाधा न हो।
केंद्र ने राज्यों को वैक्सीन खरीदी का दिया है अधिकार
केंद्र सरकार ने राज्यों को वैक्सीन खरीदने के लिए फ्री कर दिया है। राज्य अब देश में बन रहे वैक्सीन का 50 प्रतिशत खरीद सकेगा जबकि 25 प्रतिशत प्राइवेट अस्पतालों को खरीदने के लिए छूट दी गई है। केंद्र सरकार केवल फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स, हेल्थ वर्कर्स और सीनियर सिटीजन्स को ही वैक्सीन फ्री में उपलब्ध कराएगी। अब राज्यों को इंटरनेशनल टेंडर से सीधे मैन्युफैक्चरर्स से बात कर वैक्सीन खरीदना होगा। केंद्र ने इसलिए राज्यों को 15 दिन का मौका दिया है।
216 करोड़ वैक्सीन डोज का प्रोडक्शन
देश में दिसंबर तक वैक्सीन की कमी नहीं होगी। वीके पाल ने बताया कि 216 करोड़ वैक्सीन डोज भारत में अगस्त से दिसंबर के बीच में मैन्युफैक्चर हो सकेगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार फाइजर, माडर्ना और जाॅनसन एंड जाॅनसन कंपनियों के भी संपर्क में है।
ये कंपनियां करेंगी वैक्सीन प्रोडक्शन
कोविशील्ड - 75 करोड़
कोवैक्सीन - 55 करोड़
बायो ई सब यूनिट - 30 करोड़
जायडस कैडिला डीएनए - 05 करोड़
सीरम-नोवावैक्स - 20 करोड़
बीबी नजल वैक्सीन - 10 करोड़
जिनोवा एमआरएनए - 06 करोड़
स्पूतनिक-वी - 15.6 करोड़
किन कंपनियों को मिलेगी अनुमति
भारत में उन वैक्सीन कंपनियों को अनुमति दी जाएगी जो डब्ल्यूएचओ या एफडीए से अप्रूव होगा। सरकार इनके इम्पोर्ट लाइसेंस को दो दिन में देगी।
अगले सप्ताह स्पूतनिक वैक्सीन भारतीय बाजार में
नीति आयोग के सदस्य वीके पाल ने बताया कि रूस की स्पूतनिक-वी वैक्सीन अगले सप्ताह से भारतीय बाजारों में उपलब्ध हो सकेगी। हालांकि, अभी यह बाजार में लिमिटेड सप्लाई में उपलब्ध होगा लेकिन जुलाई में भारत में प्रोडक्शन होने के साथ 15.6 करोड़ डोज उपलब्ध हो सकेगा।
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