सार

भारतीय मुल की गजला हाशमी ने अमेरिकी धरती पर इतिहास रचा है। जिसमें हाशमी पहली मुस्लिम-अमेरिकी महिला के रूप में वर्जीनिया की 10 वें सिनेट की सिनेटर बनी है।

हैदराबाद. हैदराबाद की रहने वाली मुन्नी यानी गजला हाशमी ने अमेरिकी धरती पर इतिहास रचा है। जिसमें हाशमी पहली मुस्लिम-अमेरिकी महिला के रूप में वर्जीनिया की 10 वें सिनेट की सिनेटर बनी है। उन्होंने अपने विरोधी रिपब्लिकन सिनेटर ग्लेन स्ट्रेटवेंट को पराजित किया है। यह जीत उन्होंने ऐसे समय में हासिल किया है। जब अमेरिकी राजनीति में मुस्लिम महिलाओं की बड़ी संख्या प्रवेश कर रही है। हालांकि पिछले साल ही अमेरिकी कांग्रेस से इल्हान उमर और रशीदा तलीब पहली दो मुस्लिम महिलाएं थीं जो सिनेटर थी। 

पांच साल की उम्र से हैं अमेरिका में 

भारत के हैदराबाद की रहने वाली गजला हाशमी अपने परिवार के संग पांच वर्ष की उम्र से ही अमेरिका में रह रही है। जिन्हें बचपन में मुन्नी के नाम से जाना जाता था। गजला ने जॉर्जिया दक्षिणी विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में बीए और एमोरी विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। हाशमी और उनके पति अजहर 1991 में रिचमंड में शिफ्ट हो गए। गजला की दो बेटियां हैं जो वर्जीनिया के मिडलोथियन में रहते हैं। 

सीनेट बनने के लिए छोड़ दी नौकरी

गजला हाशमी एक अमेरिकी नाम है। उन्होंने अपने अभियान के दौरान 5 नवंबर को चुनावों के लिए पूरा जोर लगा दिया था। सार्वजनिक पद के लिए उनका यह पहला अभियान था। आपको बता दें कि हाशमी ने हाल ही में रेनॉल्ड्स कम्युनिटी कॉलेज में सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन टीचिंग एंड लर्निंग के निदेशक के रूप में कार्य करती थी। सिनेट बनने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ कर पूरे समय अभियान चलाया। मौजूदा समय में 10 वें सीनेट जिले में लगभग 30% वयस्क आबादी का निर्माण आप्रवासियों ने किया है। यह भारतीयों, हिस्पैनिक्स और कोरियाई लोगों की एक बड़ी आबादी है और अप्रवासियों को यहां एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दे के रूप में देखा जाता है।

हैदराबादियों को है गर्व 

उन्हें बधाई देते हुए हैदराबाद के ज़फ़र अकबर ने कहा, “हम उसे मुन्नी के रूप में जानते थे और जब से वह एक बच्ची था तब से उसका जान रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर बधाई देते हुए कहा कि हम सभी उसे सीनेटर के रूप में देखकर बहुत खुश हैं। ” अकबर ने हाशमी की जीत को हैदराबादियों के लिए 'गर्व का क्षण' बताया है। सैयद ने कहा, "उसने वर्जीनिया से पहली मुस्लिम सीनेटर बनकर और ट्रम्प की पार्टी के एक रिपब्लिकन को हराकर इतिहास रचा है।"

यह जीत मेरी नहीं, आपकी है 

हाशमी ने अपनी जीत के बाद कहा कि यह जीत मेरी नहीं है। यह आप सभी का है, जिन्होंने माना कि हमें वर्जीनिया में यहां प्रगतिशील बदलाव लाने की जरूरत है। ” हाशमी ने वादा किया कि "सीनेट बनने के बाद मेरे पास डेमोक्रेट्स है जो कि जलवायु संकट और संवेदनहीन बंदूक हिंसा से वर्जिनिया की रक्षा के लिए लड़ेगा।"