सार

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने एक बार फिर कोरोना के खिलाफ हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा के इस्तेमाल को लेकर अपना रुख मजबूत किया है। ICMR ने अपने स्टडी का हवाला देते हुए दावा किया है कि भारत में स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना से 80% तक रक्षा मलेरिया की दवा हाइड्रोक्लोरोक्वीन और पीपीई किट कर रहे हैं।

नई दिल्ली. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने एक बार फिर कोरोना के खिलाफ हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा के इस्तेमाल को लेकर अपना रुख मजबूत किया है। ICMR ने अपने स्टडी का हवाला देते हुए दावा किया है कि भारत में स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना से 80% तक रक्षा मलेरिया की दवा हाइड्रोक्लोरोक्वीन और पीपीई किट कर रहे हैं। 

इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईजेएमआर) में रिपोर्ट को पब्लिश किया है। इसमें दावा किया है कि HCQ की चार या उससे ज्यादा डोज और पीपीई का इस्तेमाल भारत के स्वास्थ्य कर्मियों में कोरोना संक्रमण का खतरा 80% तक कम रहे हैं। 

HCQ को लेकर अपने रुख पर कायम है आईसीएमआर
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा HCQ के ट्रायल पर रोक के बावजूद आईसीएमआर ने इस दवा को लेकर अपनी सिफारिश पर कायम है। आईसीएमआर ने भारत में किए अपने अध्ययनों के आधार पर दवा के इस्तेमाल को मंजूरी दी है। साथ ही आईसीएमआर ने कहा है कि इस दवा से कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। 

ट्रम्प ने भी दवा की डोज पूरी की
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत से हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा मांगी थी। इसके बाद भारत ने अमेरिका, इजरायल, मलेशिया समेत 13 देशों यह दवा भेजी थी। इसके बाद से पूरी दुनिया की निगाहें इस पर दवा पर हैं। हालांकि, WHO ने इस दवा के इस्तेमाल से हो रहे ट्रायल पर रोक लगाने के लिए कहा था। इसके बावजूद अमेरिका में बड़े स्तर पर इस दवा का इस्तेमाल हो रहा है। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कोरोना से बचने के लिए 2 हफ्ते तक इस दवा का इस्तेमाल किया है।