सार
भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसी किट बना ली है, जिससे दो घंटे में ओमिक्रॉन संक्रमण की पहचान हो सकती है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने असम के डिब्रूगढ़ में एक कोविड टेस्ट किट तैयार की है।
डिब्रूगढ़। कोरोना वायरस (Corona virus) का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) भारत में तेजी से फैल रहा है। देश में अब तक ओमिक्रॉन के 33 मरीज मिले हैं। कोरोना के मरीज में ओमिक्रॉन का संक्रमण हुआ है या नहीं, इसकी जांच के लिए वर्तमान में जीनोम सिक्वेंसिंग करानी पड़ती है। इस टेस्ट में अधिक समय लगता है। हालांकि जल्द ही ओमिक्रॉन की पहचान के लिए सिर्फ जीनोम सिक्वेंसिंग पर निर्भरता नहीं रहेगी।
भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसी किट बना ली है, जिससे दो घंटे में ओमिक्रॉन संक्रमण की पहचान हो सकती है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने असम के डिब्रूगढ़ में एक कोविड टेस्ट किट तैयार की है। इस किट से सिर्फ दो घंटों में ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता लगाया जा सकता है। देश के कई राज्यों में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह किट काफी अहम साबित होगी। अब तक अधिकारियों की चिंता थी कि ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता जल्द से जल्द कैसे लगाएं। वर्तमान में बाजार में उपलब्ध किटों की मदद से ओमिक्रॉन का पता लगाने में तीन से चार दिन का समय लगता था।
ICMR के वैज्ञानिकों ने विकसित किया किट
ICMR के पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (RMRC) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस टेस्ट किट को विकसित किया है। इससे रियल टाइम में COVID-19 के Omicron वेरिएंट का पता लगाया जा सकता है। वैज्ञानिक डॉ विश्वज्योति बोरकाकोटी के नेतृत्व में टीम ने किट तैयार की है। यह दिए गए नमूने से 2 घंटे में ओमिक्रॉन का पता लगा सकती है।
ICMR-RMRC, डिब्रूगढ़ ने ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता लगाने के लिए हाइड्रोलिसिस जांच-आधारित रीयल-टाइम RT-PCR टेस्ट विकसित किया है। इससे सिर्फ दो घंटे में पता चल जाता है कि संबंधित मरीज को ओमिक्रॉन का संक्रमण है या नहीं। इस किट का उत्पादन कोलकाता की एक कंपनी, GCC बायोटेक द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर किया जा रहा है।
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