ICSSR CSDS Notice: ICSSR ने CSDS को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस CSDS के संजय कुमार द्वारा 2024 के महाराष्ट्र चुनावों के मतदाता डेटा में हेरफेर के आरोपों पर आधारित है। संजय कुमार ने बाद में माफी मांगी थी।
Election Data Controversy: ICSSR (Indian Council of Social Science Research) ने कहा कि वह लोकनीति के सह-निदेशक संजय कुमार द्वारा एक सोशल मीडिया पोस्ट में किए गए गलत दावे पर CSDS (Centre for the Study of Developing Societies) को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा। संजय कुमार ने 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच महाराष्ट्र के चार विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता संख्या में भारी बदलाव का आरोप लगाया था। बाद में उन्होंने पोस्ट हटा लिया था। माफी मांगते हुए कहा था कि यह गलती आंकड़ों की गलत व्याख्या के कारण हुई।
ICSSR शिक्षा मंत्रालय के अधीन काम करता है। यह सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान की फंडिंग करता है। ICSSR ने X पर शेयर किए बयान में कहा कि इस घटना का "गंभीर संज्ञान" लिया गया है। CSDS ने चुनाव आयोग द्वारा किए गए सैंपल वेरिफिकेशन की पक्षपाती व्याख्या की थी। ICSSR ने कहा, "ICSSR ने CSDS द्वारा डेटा में हेरफेर और भारत निर्वाचन आयोग की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से एक कहानी गढ़ने की कोशिश का गंभीर संज्ञान लिया है। यह ICSSR के अनुदान सहायता नियमों का घोर उल्लंघन है। ICSSR संस्थान को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा।"
ICSSR ने अपने बयान में कहा कि वह भारतीय संविधान का "सर्वोच्च सम्मान" करता है। चुनाव आयोग संवैधानिक निकाय है। यह दशकों से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करा रहा है।
क्या है CSDS डेटा हेराफेरी मामला?
CSDS डेटा हेराफेरी विवाद चुनाव विश्लेषक संजय कुमार द्वारा X पर आंकड़े पोस्ट किए जाने से शुरू हुआ। उन्होंने दावा किया कि 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच नासिक पश्चिम, हिंगना, रामटेक और देवलाली में मतदाताओं की संख्या में भारी अंतर है। उन्होंने अपने डिलेट किए गए पोस्ट में लिखा कि लोकसभा चुनाव के दौरान नासिक पश्चिम विधानसभा में 3.28 लाख मतदाता थे। विधानसभा चुनाव में ये 1.55 लाख बढ़कर 4.83 लाख हो गए।
हिंगना विधानसभा की मतदाता संख्या 3.15 लाख से बढ़कर 4.50 लाख हो गई। इसके विपरीत, रामटेक में मतदाताओं की संख्या 4.66 लाख से घटकर 2.87 लाख रह गई। देवलाली में मतदाताओं की संख्या 4.56 लाख से घटकर 2.88 लाख रह गई।
यह भी पढ़ें- राहुल गांधी का वीडियो शेयर कर जेपी नड्डा बोले- पकड़ा गया झूठ, देखें कैसे महिला ने बताया सच
संजय कुमार ने अगले दिन डेटा वापस ले लिया और माफी मांगते हुए लिखा, “2024 लोकसभा और 2024 विधानसभा चुनाव के डेटा की तुलना करते समय गलती हुई। पंक्ति में दिए गए डेटा को हमारी डेटा टीम ने गलत पढ़ा था। अब यह ट्वीट हटा दिया गया है। मेरा किसी भी तरह की गलत सूचना फैलाने का कोई इरादा नहीं था।”
