सार
आजादी की लड़ाई के दौरान इंकलाब जिंदाबाद और जय हिंद जैसे नारों ने जवानों में जोश भरा था। देशभक्ति से ओतप्रोत नारे लगाते हुए स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान तक कुर्बान कर दी थी।
नई दिल्ली। 15 अगस्त 1947 को हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी (Independence Day 2024) मिली थी। स्वतंत्रता पाने के लिए लाखों वीर सपूतों ने कुर्बानी दी। आजादी की लड़ाई के दौरान 'इंकलाब जिंदाबाद' और 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' जैसे नारों ने जवानों का हौसला बढ़ाया था। ये नारे लगाते जवान फांसी के फंदे पर चढ़ जाते थे। आइए ऐसे ही 20 प्रसिद्ध नारों को याद करते हैं।
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रसिद्ध हुए थे ये 20 नारे
1. सत्यमेव जयते- इसका मतलब है सत्य की जीत होती है। यह नारा पंडित मदन मोहन मालवीय ने दिया था।
2. इंकलाब जिंदाबाद- भगत सिंह ने यह नारा दिया था। यह आज भी युवाओं में जोश भर देता है।
3. तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा- नेताजी सुभाष चंद्र ने यह नारा दिया था। उनका मानना था कि अंग्रेजों से बिना लड़े हमें आजादी नहीं मिलेगी।
4. जय जवान-जय किसान- यह नारा लाल बहादुर शास्त्री का है।
5. स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा- यह नारा स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक का है।
6. जिंदगी तो अपने दम पर जी जाती है, दूसरों के कंधों पर तो जनाजे उठाये जाते हैं- क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह ने यह नारा दिया था। उन्होंने युवाओं से आजादी के लिए लड़ने की अपील की थी।
7. खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी- यह सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता का शीर्षक है।
8. करो या मरो- भारत छोड़ो आंदोलन के समय महात्मा गांधी ने 'करो या मरो' का नारा दिया था। इसका मतलब था कि या तो भारत को आजाद कराएंगे या इसी कोशिश में मर जाएंगे।
9. वंदे मातरम्- यह नारा बंकिमचंद्र चटर्जी का है।
10. जय हिंद- यह नारा सुभाष चंद्र बोस का है।
11. दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहेंगे, आजाद ही रहेंगे- यह नारा प्रसिद्ध क्रांतिकारी चन्द्र शेखर आजाद ने दिया था।
12. स्वतंत्रता दी नहीं जाती, ली जाती है- यह नारा सुभाष चंद्र बोस ने लिखा था।
13. सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है- आजादी की लड़ाई के वक्त के इस नारे को आज भी बोला जाता है। इसे राम प्रसाद बिस्मिल ने लिखा था।
14. सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा हम बुलबुलें हैं इसकी ये गुलसितां हमारा- यह नारा अल्लामा इकबाल का है।
15. आराम हराम है- पंडित जवाहर लाल नेहरू ने यह नारा दिया था।
16. बम और पिस्तौल क्रांति नहीं लाते, क्रांति की तलवार विचारों की धार पर तेज की जाती है- भगत सिंह ने यह नारा दिया था।
17. अब भी जिसका खून न खौला खून नहीं वो पानी है, जो ना आए देश के काम वो बेकार जवानी है- चंद्रशेखर आजाद ने यह नारा दिया था।
18. विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा- श्याम लाल गुप्ता ने यह नारा लिखा था।
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19. वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वे मेरी आत्मा को नहीं कुचल पाएंगे। यह नारा भगत सिंह का है।
20. आजादी का कोई अर्थ नहीं, अगर इसमें गलतियां करने की आजादी शामिल न हो। यह नारा महात्मा गांधी का है।
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