सार

महाविकास अघाड़ी के ईवीएम धांधली के आरोपों से उमर अब्दुल्लाह असहमत। चुनाव हार पर ही नहीं, हमेशा सवाल उठाते रहना ज़रूरी, नेशनल कॉन्फ्रेंस का कहना।

EVM manipulation charges: इंडिया ब्लॉक के गठबंधन सहयोगी ही आपस में ईवीएम धांधली के आरोपों को लेकर एकमत नहीं है। महाराष्ट्र में चुनाव परिणाम आने के बाद महा विकास अघाड़ी ने ईवीएम की धांधली का आरोप लगाया था लेकिन इंडिया ब्लॉक के एक सहयोगी दल ने इससे असहमति जताई है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि चुनाव हारने पर ही केवल ईवीएम के प्रति असहमति नहीं होनी चाहिए। अगर आप किसी चीज को लेकर विरोध कर रहे हैं तो उस पर निरंतर सवाल उठाते रहना चाहिए। इंडिया ब्लॉक में शामिल दल नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा है कि मतदान पद्धति पर सवाल उठाने में निरंतर रहना चाहिए। केवल तभी ईवीएम पर सवाल उठाना गलत है जब नतीजे उम्मीदों के मुताबिक न हों।

जीत का जश्न भी मनाएं और पलटकर सवाल भी करें, यह न हो

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब आपको सौ से ज़्यादा सांसद ईवीएम का इस्तेमाल करते हुए मिलें और आप इसे अपनी पार्टी की जीत के तौर पर मनाएं तो आप कुछ महीने बाद पलटकर यह नहीं कह सकते कि इससे गड़बड़ियां हुई है या हमें ये ईवीएम पसंद नहीं हैं क्योंकि अब चुनाव के नतीजे उस तरह नहीं हैं जैसा हम चाहते हैं। अगर सवाल उठाना है तो लगातार उठाइए, विरोध कीजिए, हार पर ही केवल न ऐसा करें। हालांकि, उनकी टिप्पणी बीजेपी से मिलती हुई करार दिए जाने पर उन्होंने इसे खारिज करते हुए कहा कि वह वही कह रहे जो सही है।

 

 

वोटिंग सिस्टम पर भरोसा नहीं तो चुनाव का बहिष्कार करें

नेशनल कांफ्रेंस लीडर उमर अब्दुल्ला ने ईवीएम पर केवल हार के बाद सवाल उठाने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर पार्टियों को मतदान पद्धति पर भरोसा नहीं है तो उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव में अपनी हार और विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत का उदाहरण देते हुए कहा कि एक दिन मतदाता आपको चुनते हैं, अगले दिन वे नहीं चुनते। मैंने कभी मशीनों को दोष नहीं दिया।

अब्दुल्ला की यह टिप्पणी कांग्रेस और उसके कुछ सहयोगियों द्वारा हरियाणा और महाराष्ट्र में बड़ी हार के बाद ईवीएम के खिलाफ विरोध के बीच आई है। जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के घटक नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने बहुमत पाकर सरकार बनाई है। उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 95 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटें मिली जबकि कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत हासिल की है।

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