सार
नाइट फ्रैंक इंडिया और रॉयल इंस्टीट्यूशन ऑफ चार्टर्ड सर्वेयर्स (आरआईसीएस) की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2030 तक कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 10 करोड़ जॉब पैदा होंगे।
नई दिल्ली। भारत की आर्थिक उन्नति तेजी से हो रही है। इसके साथ ही देश का कंस्ट्रक्शन सेक्टर भी बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक देश के कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 10 करोड़ जॉब पैदा होंगे। यह युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है।
नाइट फ्रैंक इंडिया और रॉयल इंस्टीट्यूशन ऑफ चार्टर्ड सर्वेयर्स (आरआईसीएस) की रिपोर्ट में बताया गया है कि कंस्ट्रक्शन सेक्टर युवाओं को सबसे अधिक रोजगार देने वाला दूसरा क्षेत्र होगा। वर्तमान में कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 7.1 करोड़ लोग काम कर रहे हैं। 2030 तक यह संख्या 10 करोड़ से अधिक होने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र का उत्पादन 2030 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। वर्तमान में यह 650 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
आने वाले दिनों में बढ़ेगी कुशल कर्मियों की मांग
रिपोर्ट में बताया गया है कि निर्माण क्षेत्र में कुशल युवाओं को अधिक रोजगार मिलेगा। जैसे-जैसे भारत के रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में वृद्धि जारी रहेगी, कुशल कर्मचारियों की मांग में वृद्धि होगी। निर्माण उद्योग में तकनीकी प्रगति से उत्पादकता में वृद्धि हुई है। इससे कुशल कर्मियों की जरूरत बढ़ गई है।
निर्माण उद्योग में हैं 81 फीसदी अकुशल मजदूर
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का निर्माण उद्योग रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है। 2023 में इसने 7.1 करोड़ लोगों को काम दिया है। निर्माण उद्योग में काम कर रहे लोगों में 81 फीसदी अकुशल मजदूर हैं। कुशल कर्मी सिर्फ 19 फीसदी हैं। डेवलपर्स और निर्माण कंपनियों से कुशल कर्मचारियों की मांग आएगी। इसे देखते हुए सरकार युवाओं को कुशल बनाने के लिए योजना चला रही है।
राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद (एनएसडीसी) के अनुमान के अनुसार निर्माण उद्योग में काम करने वाले कुल लोगों में से 87 प्रतिशत रियल एस्टेट में काम करते हैं। 13 प्रतिशत को बुनियादी ढांचा क्षेत्र द्वारा काम दिया जाता है। निर्माण उद्योग में काम कर रहे 7.1 करोड़ लोगों में 44 लाख कुशल कर्मचारी हैं। इनमें इंजीनियर, तकनीशियन और क्लर्कियल कर्मचारी शामिल हैं। 69 लाख व्यावसायिक रूप से प्रशिक्षित कर्मचारी हैं।