सार
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के एक बयान के अनुसार, ONGC सी सर्वाइवल सेंटर को एक अत्याधुनिक एकीकृत सी सर्वाइवल ट्रेनिंग सेंटर के रूप में विकसित किया गया है।
इंडिया एनर्जी वीक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (6 फरवरी) को दक्षिण गोवा के बैतूल गांव में ओएनजीसी सी सर्वाइवल सेंटर का उद्घाटन किया। इसके बाद मोदी ने भारत ऊर्जा सप्ताह 2024 का अनावरण किया। कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का अनावरण करने के अलावा वो विकसित गोवा 2047 कार्यक्रम में 1,330 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।
प्रधान मंत्री ने सुबह 10:30 बजे ONGC सी सर्वाइवल सेंटर का उद्घाटन किया और 10:45 बजे उन्होंने भारत ऊर्जा सप्ताह 2024 का शुभारंभ किया। मोदी ने समुद्री अस्तित्व प्रशिक्षण और सुरक्षा अभ्यास के एक डेमो में भी भाग लिया।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के एक बयान के अनुसार, ONGC सी सर्वाइवल सेंटर को एक अत्याधुनिक एकीकृत सी सर्वाइवल ट्रेनिंग सेंटर के रूप में विकसित किया गया है। यह सुविधा सालाना 10,000-15,000 कर्मियों को प्रशिक्षित करने की क्षमता के साथ भारत के समुद्री अस्तित्व प्रशिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र को वैश्विक मानकों तक बढ़ाने के लिए तैयार है। भारत ऊर्जा सप्ताह 2024 का उद्देश्य ऊर्जा आवश्यकताओं में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। गोवा में 6 से 9 फरवरी तक होने वाला ये कार्यक्रम भारत की सबसे बड़ी और एकमात्र व्यापक ऊर्जा प्रदर्शनी और सम्मेलन बनने की ओर अग्रसर है।
भारत में ऊर्जा क्षेत्र में 67 अरब डॉलर का निवेश
गोवा में भारत ऊर्जा सप्ताह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने वैश्विक खिलाड़ियों को भारत के ऊर्जा क्षेत्र के विकास में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया, उन्होंने कहा कि देश को 2030 तक अपनी रिफाइनिंग क्षमता 254 MMTPA (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) से बढ़ाकर 450 MMTPA करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ''अगले 5-6 साल में भारत में ऊर्जा क्षेत्र में 67 अरब डॉलर का निवेश होने जा रहा है.'' प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व पैसा निवेश कर रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ।
मोदी ने यह भी कहा कि देश की प्राथमिक ऊर्जा मांग 2045 तक दोगुनी हो जाएगी।वहीं कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में, भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए विकास केंद्र और वैश्विक ऊर्जा के लिए मांग केंद्र बन रहा है। इस स्थिति को दर्शाते हुए केवल दो वर्षों में एनर्जी इंडिया एनर्जी वीक वैश्विक ऊर्जा कैलेंडर पर एक प्रमुख तारीख बन गई है।”