सार

1877 के बाद पहली बार इस साल फरवरी में इतनी अधिक गर्मी पड़ रही है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार फरवरी में औसत अधिकतम तापमान 29.54 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ा। ऐसा ग्लोबल वार्मिंग के चलते हो रहा है।

नई दिल्ली। मौसम विज्ञान विभाग ने बताया है कि 2023 के फरवरी महीने में पड़ी गर्मी 1877 के बाद सबसे अधिक है। इस साल फरवरी में औसत अधिकतम तापमान 29.54 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को बताया कि देश के अधिकतर हिस्से में फरवरी में सामान्य से अधिक गर्मी महसूस की गई। दक्षिणी प्रायद्वीप और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में गर्मी से राहत मिलने की संभावना है।

अप्रैल-मई में पड़ सकती है झुलसाने वाली गर्मी

आईएमडी के हाइड्रोमेट और एग्रोमेट एडवाइजरी सर्विसेज के प्रमुख एस सी भान ने कहा कि मार्च में लू की संभावना कम है, लेकिन देश के अधिकांश हिस्सों में अप्रैल और मई में झुलसाने वाली गर्मी पड़ सकती है। 2023 से पहले 1877 में फरवरी में इतनी अधिक गर्मी पड़ी थी।

बढ़ती गर्मी ग्लोबल वार्मिंग का है असर

बढ़ती गर्मी के रूप में ग्लोबल वार्मिंग के असर के संबंध में एस सी भान ने कहा, "पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग के दौर में रह रही है। हम गर्म होती दुनिया में रह रहे हैं।" 1901 के बाद से इस फरवरी में भारतीय क्षेत्र में औसत न्यूनतम तापमान पांचवां सबसे अधिक था।

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मार्च में सामान्य रहेगी बारिश

भान ने कहा कि देश भर में बारिश का औसत मार्च में सामान्य रहने की संभावना है। 1971-2020 के आंकड़ों के आधार पर मार्च के दौरान पूरे देश में वर्षा का एलपीए लगभग 29.9 मिमी है। उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश क्षेत्रों, पश्चिम-मध्य भारत और पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है। प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश हिस्सों, पूर्व-मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत के कुछ अलग-थलग इलाकों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।

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