सार

6 से 14 अगस्त और 29 अगस्त से 12 सितंबर तक दो चरणों में भारत युद्ध अभ्यास तरंग शक्ति की मेजबानी करने जा रहा है। इसमें 10 देशों की वायु सेनाएं शामिल होंगी।

 

नई दिल्ली। भारत तरंग शक्ति (Tarang Shakti) नाम के हवाई युद्ध अभ्यास की मेजबानी करने जा रहा है। इसमें 10 देशों के लड़ाकू विमान शामिल होंगे। 18 देश इस आयोजन में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होंगे। यह अभ्यास 6 से 14 अगस्त तक तमिलनाडु के सुलूर और 29 अगस्त से 12 सितंबर तक राजस्थान के जोधपुर में दो चरणों में आयोजित होगा।

इसके लिए वायुसेना 75 से 80 विमान तैनात करेगी। जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और स्पेन जैसे देशों की वायु सेनाओं के साथ जोधपुर में अभ्यास होगा। भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल ए पी सिंह ने बुधवार को कहा, "तरंग शक्ति अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आपसी विश्वास का निर्माण करना और एक दूसरे से सीखना है। इससे मित्र देशों के साथ मिलकर काम करने के रास्ते तलाशे जाएंगे। रणनीतिक संबंधों में मजबूती आएगी। अभ्यास भारत की सैन्य शक्ति के साथ-साथ आत्मनिर्भरता भी दुनिया को दिखाएगा।"

अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की वायु सेना लेगी अभ्यास में हिस्सा

भारत के प्रमुख रणनीतिक साझेदार जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी इंडो-पैसिफिक में चीन की बढ़ती ताकत से चिंतित हैं। इन देशों की वायु सेना अभ्यास के लिए अपने लड़ाकू विमान और अन्य विमान तैनात करेंगी। यूएई, सिंगापुर, ग्रीस, स्पेन और बांग्लादेश भी इस अभ्यास में शामिल होंगे।

रूस और इजराइल नहीं लेंगे युद्ध अभ्यास में भाग

भारत के दो अन्य प्रमुख रणनीतिक साझेदारों रूस और इजराइल ने अभ्यास में भाग लेने में असमर्थता जताई है। रूस यूक्रेन के साथ लड़ाई में उलझा हुआ है। दूसरी ओर इजरायल का हमास के साथ संघर्ष चल रहा है। अभ्यास के लिए 51 देशों को आमंत्रित किया गया था। इनमें से करीब 30 देश विमानों या पर्यवेक्षकों के साथ भाग लेंगे।

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राफेल और सुखोई जैसे विमानों को तैनात करेगी इंडियन एयर फोर्स

तरंग शक्ति हवाई युद्ध अभ्यास के तुरंत बाद भारत अक्टूबर में बंगाल की खाड़ी में 'क्वाड' देशों (अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) के साथ मालाबार नौसैनिक अभ्यास की मेजबानी भी करेगा। तरंग शक्ति में IAF राफेल, सुखोई-30MKI, मिराज-2000, मिग-29, जगुआर और तेजस जैसे फ्रंटलाइन लड़ाकू विमानों के साथ-साथ रुद्र और प्रचंड हेलीकॉप्टर, C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान, IL-78 मिड-एयर रिफ्यूलर और AWACS (एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) को अभ्यास के लिए तैनात करेगा।

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