सार

मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और पिछले कुछ वर्षों में द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा संबंध ऊपर की ओर बढ़े हैं। नवंबर में, भारत, मालदीव और श्रीलंका ने हिंद महासागर में दो दिवसीय समुद्री अभियान आयोजित किया था। 

नई दिल्ली। हिंद महासागर (Indian Ocean) में चीन (China) के बढ़ते प्रभाव की चिंताओं के बीच भारत और मालदीव (India Maldives bilateral talk) ने सैन्य व रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए बहुपयोगी बातचीत की है। दोनों देशों रक्षा जिम्मेदारों ने इस बातचीत को काफी सकारात्मक बताया है। सोमवार को ट्वीट कर जानकारी देते हुए रक्षा सचिव अजय कुमार (Defence Secretary Ajay Kumar) ने बताया कि हिंद महासागर में चीन के बढ़ते पदचिह्न पर चिंताओं के बीच द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए मालदीव के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बहुत उपयोगी बातचीत की है।

भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है मालदीव 

मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और पिछले कुछ वर्षों में द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा संबंध ऊपर की ओर बढ़े हैं।

मालदीव के आतिथ्य की सराहना किया रक्षा सचिव ने

माले में बातचीत के एक दिन बाद रक्षा सचिव अजय कुमार ने सोमवार को ट्वीट किया कि तीसरी रक्षा सहयोग वार्ता के लिए मालदीव में आकर प्रसन्नता हुई। बहुत उपयोगी चर्चा हुई। MNDF Chief मेजर जनरल अब्दुल्ला शमाल के गर्मजोशी भरे आतिथ्य की गहराई से सराहना करते हुए धन्यवाद देता हूं।

तीन देशों ने शुरू किया था समुद्री अभियान

नवंबर में, भारत, मालदीव और श्रीलंका ने हिंद महासागर में दो दिवसीय समुद्री अभियान आयोजित किया था। यह अभियान अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सहित इस क्षेत्र को संयुक्त रूप से सुरक्षित रखने के संकल्प का संकेत देता है।

मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) के प्रमुख मेजर जनरल अब्दुल्ला शमाल ने कहा कि रक्षा सहयोग वार्ता (डीसीडी) दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि तीसरे रक्षा सहयोग संवाद में भारतीय रक्षा सचिव और उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए बेहद प्रसन्नता हो रही है। डीसीडी हमारे समय-सम्मानित रक्षा सहकारी संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और हमें एमएनडीएफ क्षमता निर्माण के आगे के अवसरों को नोट करने में प्रसन्नता हो रही है।

भारत के सहयोग से मालदीव में पांच सौ करोड़ का प्रोजेक्ट

भारत-मालदीव के संबंधों को प्रगाढ़ता के लिए मालदीव में कई विकास परियोजनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। भारत ने सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए बुनियादी ढांचे को विकिसत करने के लिए अनुदान के साथ अरबों का ऋण भी दिया है। भारत ने करीब 1.2 बिलियन अमरीकी डालर का ऋण दिया है। 

कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट में भी मदद

पिछले साल अगस्त में, मालदीव ने भारत-वित्त पोषित कनेक्टिविटी परियोजना के कार्यान्वयन के लिए एक अनुबंध पर साइन किया। यह मालदीव की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है। ग्रेटर मेल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (जीएमसीपी) परियोजना के तहत, राजधानी शहर माले को विलिंगली, गुल्हिफाल्हू और थिलाफुशी के द्वीपों से जोड़ने के लिए 6.74 किमी लंबा पुल और लिंक बनाया जाएगा। इस परियोजना के लिए भारत ने 100 मिलियन अमरीकी डालर का अनुदान दिया है तो 400 मिलियन डालर लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत फंड दिया है। 

कोविड काल में भारत ने सबसे पहले वैक्सीन उपलब्ध कराया

भारत ने मालदीव को कोरोना काल में काफी मदद की थी। भारत ने पिछले साल विदेशी देशों को कोरोना वैक्सीन भेजकर मदद की थी। मालदीव भारत से मदद पाने वाला पहला लाभार्थी देश था। 

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