भारत ने विदेश में सक्रिय दो मोस्ट वांटेड गैंगस्टर, वेंकटेश गर्ग और भानु राणा, अमेरिका और जॉर्जिया से गिरफ्तार किया। दोनों का नेटवर्क हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में फैला है। जल्द ही भारत में डिपोर्ट कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नई दिल्ली। भारत की सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली है। विदेश में छिपे भारत के दो मोस्ट वांटेड गैंगस्टर, वेंकटेश गर्ग और भानु राणा, अब पकड़ में आ गए हैं। गर्ग को जॉर्जिया से और राणा को अमेरिका से गिरफ्तार किया गया। दोनों को जल्द ही भारत डिपोर्ट कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह गिरफ्तारी सिर्फ एक बड़ी खबर नहीं, बल्कि विदेश में सक्रिय गैंगस्टर नेटवर्क के खिलाफ एक सख्त संदेश भी है।
वेंकटेश गर्ग क्यों था भारत का सबसे खतरनाक गैंगस्टर?
वेंकटेश गर्ग हरियाणा के नारायणगढ़ का रहने वाला है। भारत में उसके खिलाफ 10 से ज़्यादा केस दर्ज हैं। BSP नेता की हत्या में उसका नाम सामने आया। विदेश में रहते हुए भी वह युवाओं को भर्ती कर रहा था और जॉर्जिया से जबरन वसूली का सिंडिकेट चला रहा था। उसके नेटवर्क ने दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर भारत में डर फैलाया हुआ था।
भानु राणा और लॉरेंस बिश्नोई गैंग का कनेक्शन कितना खतरनाक है?
भानु राणा करनाल का रहने वाला है और काफी समय से अमेरिका में छिपा था। वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा हुआ है। उसका नेटवर्क पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में फैला हुआ है। पंजाब में हुए ग्रेनेड हमले और कई अन्य अपराधों में उसका नाम सामने आया। STF ने उसके कहने पर काम करने वाले अपराधियों को पहले ही गिरफ्तार किया था।
विदेश में बैठे गैंगस्टर भारत में कैसे फैला रहे थे अपराध का जाल?
गर्ग और राणा की गिरफ्तारी से पता चला कि विदेश में बैठे ये गैंगस्टर भारत में नए लोगों को भर्ती कर रहे थे और अपराध का नेटवर्क चला रहे थे। गर्ग जॉर्जिया में कपिल सांगवान के साथ मिलकर जबरन वसूली का सिंडिकेट चला रहा था। भानु राणा का नेटवर्क अमेरिका से भारत में अपराध फैलाने में सक्रिय था।
भारत डिपोर्टेशन के बाद क्या होगी कार्रवाई?
दोनों गैंगस्टर को जल्द ही भारत लाया जाएगा। देश की कानून व्यवस्था और सुरक्षा एजेंसियों ने यह सुनिश्चित किया कि विदेश में बैठे अपराधियों को भारत लाकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। यह कदम देश में अपराध नियंत्रण की दिशा में बड़ा संदेश है।
