India New Data Law Mobile Numbers: नए डेटा प्रोटेक्शन कानून के तहत, ग्राहकों से मोबाइल नंबर लेना अब मना है। ये कानून रिटेलर्स द्वारा ग्राहकों का डेटा कैसे जमा और इस्तेमाल किया जाता है, उसमें बदलाव लाएगा।
Mobile Number Privacy Law India: सरकार ग्राहकों के मोबाइल नंबर की सुरक्षा के लिए एक नया डेटा प्रोटेक्शन कानून लाने वाली है। इस कानून के मुताबिक, दुकानों पर बिलिंग के दौरान ग्राहकों से मोबाइल नंबर मांगना गैरकानूनी होगा। पहले रिटेल कंपनियों पर लाखों ग्राहकों के मोबाइल नंबर जमा करके, उन्हें दूसरी कंपनियों को बेचने के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन, मोबाइल नंबर की सुरक्षा बढ़ाने और उसके गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए ये नया कानून लाया जा रहा है।
अभी, दुकानदार बिलिंग काउंटर पर ग्राहकों से उनका मोबाइल नंबर मांगते हैं, ताकि उन्हें लॉयल्टी प्रोग्राम में शामिल कर सकें या सीधे उनके फोन पर बिल भेज सकें। ग्राहक अक्सर इसे ज़रूरी समझकर अपना नंबर दे देते हैं। लेकिन, नया डेटा प्रोटेक्शन कानून इस तरीके को डेटा प्रोटेक्शन के हितों का उल्लंघन मानता है। इसकी जगह, प्राइवेसी और सुरक्षा बनाए रखने के लिए कीपैड एंट्री जैसे दूसरे तरीके अपनाए जा सकते हैं।
कानून कहता है कि ग्राहकों को ये बताया जाना चाहिए कि उनका डेटा क्यों जमा किया जा रहा है, कितने समय तक रखा जाएगा और कब डिलीट किया जाएगा। ग्राहक से सहमति लेने से पहले, ये सब बातें साफ-साफ बताई जानी चाहिए। घुमा-फिराकर नहीं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट कंपनियों को मजबूर करेगा कि वो ग्राहकों के डेटा, जैसे मोबाइल नंबर, को कैसे जमा और इस्तेमाल करते हैं, उस पर फिर से विचार करें। ये बदलाव मौजूदा लॉयल्टी प्रोग्राम को भी प्रभावित करेंगे।
नए डेटा प्रोटेक्शन कानून के तहत, अगर ग्राहक अपना मोबाइल नंबर शेयर नहीं करना चाहता, तो दुकानदार उसे सर्विस देने से मना नहीं कर सकते। दुकानों को कागज़ का बिल या ईमेल पर बिल भेजने जैसे विकल्प देने होंगे। साथ ही, ग्राहकों के डेटा को बेचने पर भी रोक लगाई जाएगी, जो एक बड़ी समस्या का समाधान करेगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, विज़िटर मैनेजमेंट सिस्टम को भी अब ये साफ-साफ बताना होगा कि वो फोन नंबर क्यों जमा कर रहे हैं और ये भरोसा देना होगा कि डेटा का गलत इस्तेमाल, उसे बेचा या तय समय से ज़्यादा समय तक नहीं रखा जाएगा।
बड़े रिटेलर्स तो नए कानून के हिसाब से तैयारी कर रहे हैं, लेकिन ये नियम विज़िटर एंट्री सिस्टम और हाउसिंग सोसाइटी, जो नियमित रूप से फोन नंबर रिकॉर्ड करती हैं, उन पर भी लागू होंगे। रिपोर्ट के अनुसार, इन संस्थाओं को अब नियमों का पालन करने के लिए व्यवस्थित तरीके अपनाने होंगे।
नए नियम निजी डेटा के इस्तेमाल पर लगाम लगाएंगे
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा लाया गया डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) एक्ट, 2023 इन नियमों को बताता है। डीपीडीपी नियम, 2025 के तहत, इस कानून को अगस्त 2025 तक लागू किया जाना है।
मोबाइल नंबर समेत निजी डेटा को सिर्फ उतने समय तक रखा जा सकता है, जितने समय तक उसकी ज़रूरत हो। ये समय आखिरी बार इस्तेमाल होने के तीन साल तक या नियमों में बताई गई समय सीमा तक हो सकता है। इस समय के बाद या ग्राहक की सहमति वापस लेने पर, दुकानों को डेटा डिलीट करना होगा। ग्राहकों के फोन नंबर के किसी भी तरह के गलत इस्तेमाल, चोरी या लीक होने से रोकने के लिए कंपनियों को सख्त सुरक्षा उपाय करने होंगे।
