सार
भारत को रूस से एयर डिसेंस सिस्टम एस 400 का तीसरा स्क्वाड्रन मिल गया है। इसे पंजाब या राजस्थान में पाकिस्तान से लगी सीमा पर तैनात किया जा सकता है। ड्रोन हो या लड़ाकू विमान, यह हर तरह के हवाई खतरे से निपटने में सक्षम है।
नई दिल्ली। भारत को रूस से एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 का तीसरा स्क्वाड्रन मिल गया है। सूत्रों के अनुसार इसकी तैनाती पाकिस्तान से लगी सीमा पर होगी। सीमा पर S-400 मिसाइल्स तैनात होने के बाद पाकिस्तान से भारत की ओर आने वाले लड़ाकू विमानों, मिसाइलों और अन्य हवाई खतरों को सीमा पार करने से पहले ही खत्म किया जा सकेगा।
भारत ने 35 हजार करोड़ रुपए में रूस से एस-400 के पांच स्क्वाड्रन खरीदने का सौदा किया था। दिसंबर 2021 में पहला और अप्रैल 2022 में दूसरा स्क्वाड्रन भारत को मिला था। दोनों को चीन और पाकिस्तान की सीमा के करीब तैनात किया गया है। तीसरे स्क्वाड्रन को पंजाब या राजस्थान में तैनात किया जा सकता है।
400 किलोमीटर तक मार करते हैं S-400 सिस्टम के मिसाइल
S-400 सिस्टम को दुनिया का सबसे बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है। इसके मिसाइल 400 किलोमीटर दूर तक जमीन से हवा में मार करते हैं। इसकी मदद से मिसाइल, लड़ाकू विमान, ड्रोन और हेलिकॉप्टर समेत हर तरह के हवाई खतरे से निपटा जा सकता है। एस-400 के पहले दो स्क्वाड्रन को लद्दाख सेक्टर, पश्चिम बंगाल और पूरे उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में संवेदनशील चिकन नेक कॉरिडोर की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है।
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भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है S-400?
S-400 को रूस की सबसे उन्नत लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली के रूप में जाना जाता है। इसके रडार एक हजार किलोमीटर दूर से हवाई टारगेट को ट्रैक कर सकते हैं। इसकी मदद से एक साथ कई दर्जन हवाई टारगेट को ट्रैक किया जा सकता है। इसकी मदद से 400 किलोमीटर दूर तक मार किया जा सकता है। पाकिस्तान से लगी सीमा पर तैनात करने के बाद भारत के पास पूरे पाकिस्तान के एयरस्पेस को ट्रैक करने की क्षमता होगी। पाकिस्तान के विमान उड़ान भरते ही भारत की नजर में आ जाएंगे।
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