Economic Survey 2024-25 के अनुसार, तेलंगाना का रंगारेड्डी जिला भारत का सबसे अमीर जिला बना। बेंगलुरु टॉप 3 में शामिल है जबकि मुंबई की रैंकिंग ने सबको हैरान कर दिया। देखें टॉप 10 रिचेस्ट सिटीज की पूरी GDP लिस्ट और रैंकिंग। 

नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था लगातार नई ऊंचाइयां छू रही है। हर साल कुछ शहर अपनी तरक्की और GDP (Gross Domestic Product) के दम पर अमीरी की लिस्ट में ऊपर चढ़ जाते हैं। 2025 के आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey 2024-25) ने इस बार जो खुलासा किया, उसने सभी को चौंका दिया है — भारत का सबसे अमीर जिला अब न मुंबई है, न दिल्ली, बल्कि तेलंगाना का रंगारेड्डी (Ranga Reddy District) बन गया है। यह रिपोर्ट दिखाती है कि कैसे भारत के अलग-अलग राज्य अब आर्थिक विकास के नए केंद्र बन रहे हैं। आइए जानते हैं कि आखिर कौन से 10 शहर और जिले हैं जो इस साल देश के "रिचेस्ट सिटी लिस्ट" में टॉप पर हैं और क्या है इनके पीछे की कहानी।

रंगारेड्डी जिला क्यों बना भारत का सबसे अमीर इलाका?

  • तेलंगाना का रंगारेड्डी जिला इस बार सभी जिलों को पीछे छोड़कर 11.46 लाख रुपये प्रति व्यक्ति जीडीपी (Per Capita GDP) के साथ टॉप पर है।
  • यहां आईटी सेक्टर, बायोटेक, फार्मा इंडस्ट्री और टेक पार्कों का तेजी से विकास हुआ है।
  • बेहतर सड़कों, मेट्रो कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर ने इस जिले को आर्थिक रूप से बेहद मजबूत बना दिया है।

गुरुग्राम और बेंगलुरु में इतनी तेजी से अमीरी क्यों बढ़ी?

  • हरियाणा का गुरुग्राम (Gurugram) दूसरे नंबर पर रहा, जिसकी प्रति व्यक्ति जीडीपी 9.05 लाख रुपये है।
  • यह शहर भारत की कॉर्पोरेट राजधानी बन चुका है-जहां बड़ी-बड़ी कंपनियों के हेडक्वार्टर, लग्जरी मॉल्स और हाई-राइज़ बिल्डिंग्स हैं।
  • वहीं, बेंगलुरु (Bengaluru) ने 8.93 लाख रुपये GDP के साथ तीसरा स्थान हासिल किया है।
  • भारत की “सिलिकॉन वैली” कहे जाने वाले इस शहर ने टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप कल्चर के दम पर देश की अर्थव्यवस्था में क्रांति ला दी है।

नोएडा और सोलन: कैसे बने भारत के विकास के नए प्रतीक?

  • गौतम बुद्ध नगर (Noida) का नाम भी इस सूची में चौथे स्थान पर है, जिसकी प्रति व्यक्ति GDP 8.48 लाख रुपये है।
  • नोएडा अब फ्यूचरिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजनेस पार्क और कल्चरल डेस्टिनेशन के लिए जाना जाता है।
  • वहीं, हिमाचल प्रदेश का सोलन भी अपनी शांत पहाड़ियों और बढ़ते उद्योगों की वजह से लिस्ट में शामिल है, जिसकी प्रति व्यक्ति GDP 8.10 लाख रुपये है।

गोवा, सिक्किम और मैंगलोर ने कैसे बढ़ाई भारत की आर्थिक खूबसूरती?

  • उत्तर और दक्षिण गोवा का संयुक्त GDP 7.63 लाख रुपये है।
  • पर्यटन, आतिथ्य और सेवाक्षेत्र ने यहां की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है।
  • सिक्किम जैसे पहाड़ी राज्यों ने भी स्थायी पर्यटन और स्थानीय उद्योगों के दम पर शानदार परफॉर्मेंस दी है।
  • दक्षिणा कन्नड़ (मैंगलोर) और मुंबई जैसे शहरों ने परंपरा और आधुनिकता को मिलाकर देश की आर्थिक ताकत को और बढ़ाया है।

मुंबई की रैंक गिरने के पीछे क्या कारण हैं?

  • भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) इस बार सिर्फ ₹6.57 लाख प्रति व्यक्ति GDP के साथ नीचे खिसक गई है।
  • रिपोर्ट के मुताबिक, जनसंख्या का दबाव, जीवन यापन की बढ़ती लागत और धीमा औद्योगिक विस्तार इसकी रैंकिंग को प्रभावित कर रहा है।

2025 के टॉप 10 सबसे अमीर शहर (Per Capita GDP के आधार पर)

  1. रंगारेड्डी (तेलंगाना)-₹11.46 लाख
  2. गुरुग्राम (हरियाणा)-₹9.05 लाख
  3. बेंगलुरु शहरी (कर्नाटक)-₹8.93 लाख
  4. गौतम बुद्ध नगर (उत्तर प्रदेश)-₹8.48 लाख
  5. सोलन (हिमाचल प्रदेश)-₹8.10 लाख
  6. उत्तर और दक्षिण गोवा-₹7.63 लाख
  7. सिक्किम-₹7.12 लाख
  8. दक्षिण कन्नड़ (कर्नाटक)- ₹6.69 लाख
  9. मुंबई (महाराष्ट्र)-₹6.57 लाख
  10. अहमदाबाद (गुजरात)-₹6.54 लाख

भारत की अमीरी अब सिर्फ मुंबई-दिल्ली तक सीमित नहीं!

  • भारत की नई आर्थिक कहानी अब दक्षिण और पूर्वी राज्यों के शहरों से लिखी जा रही है।
  • रंगारेड्डी, गुरुग्राम और बेंगलुरु जैसे जिले दिखा रहे हैं कि भारत का भविष्य अब बहु-केन्द्रित (multi-centric) और संतुलित विकास की ओर बढ़ रहा है।