सार

जम्मू कश्मीर पर प्रोपेगेंडा फैलाने को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर एक बार फिर पाकिस्तान को लताड़ लगाई। साथ ही भारत ने पाकिस्तान को उस पर उंगली उठाने से पहले अपने घर में झांकने की भी सलाह दी। मानवाधिकार परिषद के 46 वें सत्र कश्मीर और अन्य मुद्दों पर पाकिस्तान का जवाब देते हुए भारत ने एक बार फिर आतंकवाद का मुद्दा उठाया। 

नई दिल्ली. जम्मू कश्मीर पर प्रोपेगेंडा फैलाने को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर एक बार फिर पाकिस्तान को लताड़ लगाई। साथ ही भारत ने पाकिस्तान को उस पर उंगली उठाने से पहले अपने घर में झांकने की भी सलाह दी। मानवाधिकार परिषद के 46 वें सत्र कश्मीर और अन्य मुद्दों पर पाकिस्तान का जवाब देते हुए भारत ने एक बार फिर आतंकवाद का मुद्दा उठाया। 

भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने हाल ही में अलकायदा के आतंकी अहमद कमर सईद शेख को रिहा किया। यह साफ तौर पर पाकिस्तान और आतंकी संगठनों के बीच गठजोड़ का उदाहरण है। 

पाकिस्तान और तुर्की ने उठाया था कश्मीर का मुद्दा
मानवाधिकार परिषद के 46वें सत्र के उच्चस्तरीय खंड में पाकिस्तान और तुर्की ने कश्मीर का मुद्दा उठाया। इसके जवाब में भारत ने कहा कि भारत सरकार को अपने मानवाधिकारों के दायित्वों की पूरी जानकारी है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन की द्वितीय सचिव सीमा पुजानी ने कहा कि 

पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय तौर पर घोषित आतंकियों का घर और सरंक्षक है। हाल ही में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्यारे और अल कायदा के आतंकी उमर सईद शेख को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट से बरी होना आतंकवाद के साथ सांठगाठ को बताता है।  

उन्होंने कहा, "हम काउंसिल से अपील करते हैं कि पाकिस्तान को राज्य प्रायोजित आतंकवाद को खत्म करने के लिए विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय कदम उठाने और उसके क्षेत्र आतंकवादी ढांचे को खत्म करने को कहा जाए। 

तुर्की को भी लगाई फटकार
वहीं, भारत ने कश्मीर पर तुर्की के बयान को लेकर कहा कि यह पूरी तरह से आस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है। इन जगहों पर विकास और सुशासन सुनिश्चित करना भारत सरकार का आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा, विश्व में सबसे खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड वाले देशों में शुमार देश भारत पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांके।

इसी के साथ भारत ने तुर्की को साइप्रस की याद दिलाते हुए कहा कि वहां भी संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रस्ताव दिया है, जिसका आजतक पालन नहीं किया गया। दरअसल, तुर्की ने साइप्रस के एक बड़े हिस्से पर कब्जा जमा लिया है। इसे वह संयुक्त राष्ट्र के कहने पर भी खाली नहीं कर रहा है।