सार

विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा से पता चलता है कि वह न केवल एक दिवालिया देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, बल्कि वह मानसिक रूप से भी दिवालिया हैं।

India slams Bilawal Bhutto's comment: भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टा की पीएम मोदी पर की गई व्यक्तिगत टिप्पणी की कड़ी आलोचना की है। भारत ने भुट्टो के बयान को पाकिस्तान के लिए एक नया निचला स्तर करार दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह पाकिस्तान का सबसे निचला स्तर है। यह बयान पाकिस्तानी विदेश मंत्री के असभ्यता को भी दर्शाता है जिसकी वजह से पाकिस्तान की आतंकवादियों और उनके प्रॉक्सी का उपयोग करने में बढ़ती अक्षमता का परिणाम प्रतीत होता है।

विदेश मंत्रालय ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो पर पलटवार करते हुए कहा कि भुट्टो की ये टिप्पणियां एक नया निचला स्तर हैं, यहां तक कि पाकिस्तान के लिए भी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री स्पष्ट रूप से 1971 में इस दिन को भूल गए हैं जो जातीय बंगालियों और हिंदुओं के खिलाफ पाकिस्तानी शासकों द्वारा किए गए नरसंहार का प्रत्यक्ष परिणाम था। विदेश मंत्रालय ने कहा कि न्यूयार्क, मुंबई, पुलवामा, पठानकोट हो या लंदन, दुनिया के तमाम ऐसे शहर हैं जो पाकिस्तान समर्थित या प्रायोजित आतंकवाद का दर्द सहने को मजबूर हैं। मेक इन पाकिस्तान का आतंकवाद बंद होना चाहिए।

केंद्रीय मंत्रियों ने बताया मानसिक दिवालिया

केंद्रीय मंत्रियों ने भी बिलावल भुट्टो की टिप्पणियों को लेकर कड़ी आपत्ति जताया है। सरकार के मंत्रियों ने बिलावल भुट्टो को मानसिक रूप से दिवालिया और गैर जिम्मेदार बताते हुए टिप्पणियों की निंदा की है। 
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा से पता चलता है कि वह न केवल एक दिवालिया देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, बल्कि वह मानसिक रूप से भी दिवालिया हैं। वह एक विफल राज्य का प्रतिनिधि है और खुद विफल है, इसलिए पाकिस्तान भी विफल है। आप उन लोगों से क्या उम्मीद कर सकते हैं जिनकी आतंकवादी मानसिकता है?

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने टिप्पणियों को नापाक और शर्मनाक कहा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि शायद वे (पाकिस्तान) अभी भी 1971 के दर्द को महसूस करते हैं। उस दिन 93,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। उनके दादा जुल्फिकार अली भुट्टो, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति, तब खूब रोए थे। ठाकुर ने कहा कि पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद को पालने, ढालने और उसकी रक्षा करने के लिए किया गया है। उनकी नापाक मंशा दुनिया के सामने आ गई है।

बिलावल भुट्टो ने सारी मर्यादाएं तार तार कर दीं...

दरअसल, यूएन सुरक्षा परिषद में दो दिन पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कश्मीर का मुद्दा अनावश्यक रूप से उठाया था। इस पर भारत के विदेश मंत्री ने गुरुवार को दो टूक जवाब दिया था। एस जयशंकर ने पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दा या आतंकवाद पर बात न करने की नसीहत दी थी क्योंकि ओसामा को संरक्षण देने वाला पाकिस्ता ही आतंकवाद को संरक्षण दे रहा है। इससे तिलमिलाए बिलावल भुट्टो ने मर्यादा की सारी हदें पार कर दीं। भुट्टो ने कहा कि मैं भारत को बताना चाहता हूं कि ओसामा बिन लादेन तो मर चुका है लेकिन गुजरात का कसाई अभी जिंदा है और वह भारत का प्रधानमंत्री है। भुट्टो यहां ही नहीं रूके, उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी और एस.जयशंकर भारत के प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री नहीं बल्कि आरएसएस के पीएम व विदेश मंत्री हैं। अमेरिका ने नरेंद्र मोदी की एंट्री पर बैन कर रखा था। उन्होंने कहा कि भारत ने गांधी की विचारधारा को त्याग दिया है और अब गांधी के कातिलों की विचारधारा को अपना लिया है। 

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