सार
भारतीय वैज्ञानिकों ने एक सौर ऊर्जा से चलने वाला विमान विकसित किया है जो 90 दिनों से अधिक समय तक उड़ान भर सकता है। यह विमान दिन-रात निगरानी, दुश्मन का पता लगाने और युद्धक्षेत्र संचार जैसी विभिन्न भूमिकाएं निभा सकता है।
नई दिल्ली। भारत के वैज्ञानिकों ने सौर ऊर्जा से उड़ने वाला ऐसा विमान तैयार किया है जो लगातार 90 दिनों से अधिक समय तक उड़ान भर सकता है। इसके छोटे आकार का वर्जन लगातार 10 घंटे तक उड़ सकता है।
HAP (High Altitude Platform) कहे जाने वाले इस विमान को NAL (National Aerospace Laboratories) बेंगलुरु ने विकसित किया है। HAP एक सौर ऊर्जा से चलने वाला मानव रहित विमान है। यह 17-20 किलोमीटर की ऊंचाई पर महीनों तक दिन-रात उड़ सकता है। पेलोड वाले HAP को अक्सर हाई-एल्टीट्यूड स्यूडो सैटेलाइट (HAPS) के रूप में जाना जाता है। इस विमान के पंखों का फैलाव लगभग 12 मीटर है। वजन 22 किलोग्राम से भी कम है।
लड़ाई के दौरान बहुत काम आ सकता है HAP
NAL के अनुसार लड़ाई के दौरान यह बहुत काम आ सकता है। दिन-रात लगातार हवा में रहने के चलते इससे किसी क्षेत्र की निगरानी की जा सकती है। दुश्मनों के ठिकानों का पता लगाया जा सकता है। दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। यह युद्धक्षेत्र में संचार की सुविधा प्रदान कर सकता है। इससे दूसरे विमानों को गाइडेंस दिया जा सकता है।
अभी तक दुनिया में एकमात्र काम कर रहा HAPS एयरबस जेफायर है। इसने अमेरिका के एरिजोना रेगिस्तान में 64 दिनों तक लगातार उड़ान का प्रदर्शन किया है। अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और न्यूजीलैंड सहित दुनिया भर में ऐसे प्लेटफॉर्म विकसित करने के लिए काम हो रहा है।
आसमान में आंख की तरह काम करेगा HAPS
HAPS आकाश में आंख की तरह काम करता है। यह उपग्रह की तुलना में सस्ता है। इसे तैनात करना और कई सप्ताह तक हवा में रखना आसान है। विमान में हाई परफॉर्मेंस वाले फोटोवोल्टिक सेल और बैटरी लगे हैं। विमान को उड़ने के लिए 150-200 मीटर लंबे रनवे की जरूरत होती है।
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