सार

संसद का स्पेशल सत्र बुलाए जाने के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने संसदीय नेताओं की मीटिंग की। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हो रही मीटिंग में कई मुद्दों पर चर्चा की गई।

Opposition camp meeting: संसद का स्पेशल सत्र बुलाए जाने के बाद विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने संसदीय नेताओं की मीटिंग की। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हो रही मीटिंग में कई मुद्दों पर चर्चा की गई। कांग्रेस की बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर विपक्षी गठबंधन INDIA के नेताओं की जुटान हुई। दरअसल, देश का नाम इंडिया की बजाय भारत किए जाने की चर्चा के बीच INDIA की यह मीटिंग महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के बीच सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मामलों पर चर्चा हुई है। INDIA गठबंधन नेताओं से भी इन मुद्दों पर मंथन हुआ। हम चाहते हैं कि विशेष सत्र में आर्थिक, राजनीतिक मुद्दों के साथ विदेश नीति और सीमाओं से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हो। हम उम्मीद करते हैं कि विशेष सत्र में सरकार विपक्ष को साथ लेकर चलेगी। आज की बैठक के बाद हम मुद्दे चुने हैं और मांग करेंगे कि सदन में खुलकर चर्चा हो।

पहली बार एजेंडा नहीं बताया

जयराम रमेश ने कहा कि जब कभी विशेष सत्र बुलाया जाता है तो इसके विषय की जानकारी सभी पार्टियों को दी जाती है। एक एजेंडा तय किया जाता है। लेकिन हमने पहली बार देखा है कि पार्टियों से विचार-विमर्श के बिना अचानक सत्र बुलाया गया है। यह सत्र केवल लोगों का ध्यान भटकाने के लिए बुलाया गया है। INDIA पार्टी इस सत्र में भाग लेगी, लेकिन हम चाहते हैं कि इसमें जनता के मुद्दों पर बात हो।

क्यों विपक्ष है हमलावर?

दरअसल, संसद के पांच दिवसीय स्पेशल सेशन का नोटिफिकेशन तो हो गया है लेकिन सरकार ने इस सत्र के एजेंडा को सामने नहीं किया है। 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र का एजेंडा नहीं बताए जाने की वजह से तमाम तरह की चर्चाएं हैं। अगले साल देश में आम चुनाव होने हैं। सत्तापक्ष के खिलाफ विपक्षी गठबंधन इंडिया तेजी से अपनी मीटिंग्स कर रहा। इंडिया नाम को लेकर सत्ताधारी बीजेपी या एनडीए, मजबूत काट खोज रहा है। इंडिया का नाम विपक्ष का हथियार बन जाने के बाद अब सरकार ने देश का नाम भारत सबसे अधिक प्रचलित करने का मन बना ली है। उधर, एक देश एक चुनाव का मुद्दा भी सरकार ने उछाल दिया है। माना जा रहा है कि इन्हीं दो मुद्दों के इर्द-गिर्द संसद के विशेष सत्र में चर्चा हो सकती है।

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