इस वजह से IAF का खतरनाक हवाई शिकारी है Mig-29, पास नहीं आते F-16 जैसे प्लेन
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मिग-29 रूसी लड़ाकू विमान है। यह एयर सुपीरियॉरिटी फाइटर जेट है। इसका मलतब है कि विमान हवा में दूसरों पर भारी पड़ता है। छोटा आकार, दो ताकतवर इंजन और बेहतर एयरोडायनेमिक्स के चलते मिग-29 खतरनाक हवाई शिकारी है। यह बेहद फुर्तीला है।
दो इंजन के चलते मिग-29 विमान को हवा से हवा में होने वाली लड़ाई में F-16 जैसे एक इंजन वाले विमान पर बढ़त मिलती है। इसके चलते ऐसे विमान मिग-29 के पास नहीं जाते। इंडियन एयरफोर्स ने मिग-29 को अपग्रेड कर हवा से हवा में लंबी दूरी तक मार करने वाले मिसाइल से लैस किया है। इससे इसकी क्षमता बढ़ गई है।
मिग-29 को मूल रूप से हवाई लड़ाई के लिए बनाया गया था। पहले इसमें जमीन पर हमला करने की क्षमता नहीं थी। अपग्रेड कर इसे यह ताकत दी गई है। मिग-29 में अपग्रेड कर एयर टू एयर रिफ्यूलिंग की व्यवस्था की गई है। इससे विमान को लंबे वक्त तक हवा में रखा जा सकता है।
मिग-29 को सबसे पहले 1986 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। वायुसेना के पास करीब 66 मिग-29 विमान हैं। इसके अलावा नौसेना के लिए 35 MiG-29K विमान खरीदे गए थे।
1999 में लड़ी गई कारगिल की लड़ाई में मिग-29 ने अहम रोल निभाया था। मिग-29 ने पाकिस्तानी एयर फोर्स के विमान से लड़ने के लिए हवा में पेट्रोलिंग की। वहीं, मिराज 2000, मिग-21 और अन्य लड़ाकू विमानों ने दुश्मनों पर हवाई हमला किया। मिग-29 के डर से पाकिस्तानी एयर फोर्स के विमान सीमा के करीब भी नहीं आते थे।