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ये हैं इंडियन आर्मी की पहली महिला फाइटर हेलिकॉप्टर पायलट, भाई को पासिंग आउट परेड में देख तय किया था पहननी है वर्दी
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अभिलाषा बराक 2018 में सेना में शामिल हुईं थी। एशियानेट से उन्होंने अपने पांच साल के करियर के दौरान हुए अनुभवों पर बात की। उन्हें पिछले साल 36 सेना पायलटों के साथ सम्मानित किया गया था। अभिलाषा हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता कर्नल (सेवानिवृत्त) एस ओम सिंह सेना के रिटायर अधिकारी हैं।
यह पूछने पर कि सेना में शामिल होने की प्रेरणा कैसे मिली? अभिलाषा ने कहा, “मैं सैनिक छावनी में बड़ी हुई हूं। मैंने अपने आसपास हमेशा वर्दी पहने लोगों को देखा है। मेरे पिता आर्मी में थे। इसके बाद मेरे बड़े भाई सेना में शामिल हुए। 2013 में मैंने अपने भाई को पासिंग आउट परेड में देखा। उसी वक्त मैंने तय कर लिया था कि सेना की वर्दी पहननी है।”
आपने सेना में किस तरह की चुनौतियों का सामना किया? इस सवाल पर अभिलाषा ने कहा, “कोई चुनौती नहीं है। पिछले साल कश्मीर घाटी में मेरी तैनाती हुई थी। यह ऐसा इलाका है जहां रोज आतंकियों के खिलाफ अभियान चलता रहता है। हमलोग पूरा दिन किसी भी हताहत को निकालने या हिमस्खलन जैसे मामलों में बचाव अभियान के लिए तैयार रहते थे। यहां हम आम लोगों को भी मानवीय सहायता देते हैं। इसलिए 24/7 पांच मिनट के अंदर उड़ान भरने के लिए तैयार रहना होता है।”
हाल ही में कई महिला अधिकारियों को सेना में कमान की भूमिका दी गई थी। आप इसे कैसे देखते हैं? इसपर अभिलाषा ने कहा, “यह ऐतिहासिक फैसला है। इससे महिलाओं और पुरुषों को समान अवसर मिलेगा। इससे बहुत लड़कियां सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित होंगी। मुझे लगता है कि यह भारतीय सेना में अधिक महिलाओं को लाने की दिशा में एक बहुत ही सकारात्मक कदम है।”
सेना में जाने की चाहत रहने वाली लड़कियों से अभिलाषा ने कहा, "अपने जुनून को खोजें और उसे पाने के लिए कठिन मेहनत करें। सेना का हिस्सा बनने के लिए आपमें जुनून और लगन होना चाहिए। एक बार जब आप जान जाते हैं कि यह आपका जुनून है तो आप उसे पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं।