सार

अग्निपथ भर्ती योजना (Agnipath recruitment scheme) के चलते सेना में तकनीकी रूप से कुशल जवानों की संख्या बढ़ रही है। इससे भारतीय सेना के आधुनिकीकरण में मदद मिल रही है।

 

नई दिल्ली। भारतीय सेना को आधुनिक जंग की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है। लड़ाई में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। इसलिए ऐसे जवानों की अधिक जरूरत है जो तकनीकी रूप से कुशल हों। इसे ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अग्निपथ भर्ती योजना (Agnipath recruitment scheme) शुरू की थी।

अग्निपथ भर्ती योजना से भारतीय सेना को अग्निवीरों के दो बैच मिले हैं। इसके साथ ही यह भी पता चला है कि अग्निपथ योजना अपने मिशन को पूरा कर रहा है। दरअसल, इस योजना से तकनीकी क्षेत्र में पढ़ाई करने वाले युवा सेना की ओर अधिक आकर्षित हुए हैं।

110 इंजीनियर हुए सेना में शामिल

भारतीय सेना में शामिल हुए अग्निवीरों के दो बैच में जितने जवान हैं उनमें से पांच फीसदी के पास तकनीकी क्षेत्र में पढ़ाई का डिप्लोमा और ITI (Industrial Training Institute) सर्टिफिकेट हैं। 15 फीसदी जवानों ने ग्रेजुएशन किया है। 19 हजार से अधिक अग्निवीर हाल ही में पासआउट हुए हैं। वे अगले सप्ताह अपने यूनिट में शामिल होंगे। 20 हजार और अग्निवीरों की ट्रेनिंग सितंबर में पूरी होगी। इन दोनों बैचों में शामिल 110 जवान बी.टेक ग्रेजुएट हैं।

सेना के आधुनिकीकरण में मिलेगी मदद

भारतीय सेना के एक सीनियर अधिकारी ने एशियानेट न्यूजएबल को बताया कि सेना में तकनीकी रूप से कुशल जवान अधिक संख्या में भर्ती हो रहे हैं। इससे सेना के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी। तकनीकी रूप से कुशल जवानों को फौज में भर्ती करना आधुनिक युद्ध की मांगों के अनुरूप है।

योजना के अनुसार सेना 2026 तक 1.75 लाख से अधिक अग्निवीरों की भर्ती करेगी। अग्निपथ योजना शुरू होने से पहले साढ़े 16 साल से 21 साल तक के युवाओं को न्यूनतम 15 साल की सेवा के लिए भर्ती किया जाता था। उन्हें जीवन भर पेंशन मिलती थी। नई योजना के तहत भर्ती हुए अग्निवीरों में सिर्फ 25 प्रतिशत को स्थायी सेवा का मौका मिलेगा। 17.5 से 21 साल के युवा अग्निवीर बन सकते हैं।

पिछले साल 14 जून को सरकार ने अग्निपथ भर्ती योजना लॉन्च किया था। घोषणा के तुरंत बाद इस योजना को देश भर में विरोध और आलोचना का सामना करना पड़ा। बाद में सरकार ने इसे उम्मीदवारों के लिए और अधिक आकर्षक बनाने के लिए कई घोषणाएं की। जिन अग्निवीरों को चार साल बाद सेना से बाहर निकलना पड़ेगा उन्हें एकमुश्त 11.71 लाख रुपए का सेवा निधि पैकेज मिलेगा। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और रेलवे में 10 फीसदी नौकरियां अग्निवीरों के लिए आरक्षित की गई हैं।