सार

पिछले कुछ वर्षों में आर्मी और एयरफोर्स ने एलएसी के किनारे चीन के निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास के बाद अपने पूर्वी क्षेत्र में डिफेंस कैपेबिलिटीज और मारक क्षमताओं में काफी वृद्धि की है। पूर्वी क्षेत्र में सिक्किम से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक, भारत-चीन के साथ 1,346 किलोमीटर लंबी एलएसी साझा करता है।

LCH at Missamari: भारतीय सेना में शामिल हुए देसी योद्धा हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स LCH की लद्दाख क्षेत्र में तैनाती होगी। अगले महीने LCH के पहले स्क्वाड्रन को वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब असम के मिसामारी आर्मी एविएशन बेस में तैनात किया जाएगा। मिसामारी चीन के साथ एलएसी के साथ रणनीतिक रूप से स्थित है। निकटतम एलएसी बिंदु बम ला, लगभग 150 किमी की दूरी पर है।

नवम्बर में मिल जाएगा पांचवां हेलीकॉप्टर

भारतीय सेना ने बीते दिनों ही जोधपुर में एक कार्यक्रम के दौरान बेंगलुरू में बनाए गए हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर्स को बेडे़ में शामिल किया था। पांच हेलीकॉप्टर्स भारतीय वायुसेना को मिले हैं। तीन अभी तक डिलेवर हो चुके हैं। जबकि इस महीने के अंत तक चौथा LCH मिल जाएगा। पांचवां LCH अगले महीने नवम्बर में आ जाएगा। 

क्यों महत्वपूर्ण है मिसामारी?

भारतीय सेना ने LCH को एलएसी के करीब असम के मिसामारी में स्थित आर्मी एविएशन बेस में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। मिसामारी एलएसी के साथ रणनीतिक रूप से स्थित है। इस तैनाती से चीन को कड़ा संदेश दिया जा सकेगा। मिसामारी, एलएससी के सबसे नजदीकी प्वाइंट Bum La से करीब 150 किलोमीटर की दूरी पर है। पूर्वी लद्दाख में LAC के साथ चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच पूर्वी क्षेत्र में LCH की तैनाती का महत्व है। 5.8 टन के हेलीकॉप्टर टैंक-रोधी निर्देशित मिसाइल हेलिना और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली से लैस होंगे। LCH एंटी-इन्फैंट्री और एंटी-आर्मर हेलीकॉप्टर संचालन के लिए प्रभावी होगा।

मिसामारी एविएशन ब्रिगेड का मार्च में हुआ था गठन

मार्च 2021 में भारतीय सेना ने खुद को एडवांस और मजबूत करने के लिए अपनी नई एविएशन ब्रिगेड खड़ी की थी। इस एविएशन ब्रिगेड से चीता और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव उपयोगिता हेलीकॉप्टर, रुद्र हथियारयुक्त एएलएच और रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट हेरॉन एमके1 का संचालन हो रहा है।

भारतीय सेना डिफेंस कैपेबिलिटी को बढ़ा रहा

दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में आर्मी और एयरफोर्स ने एलएसी के किनारे चीन के निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास के बाद अपने पूर्वी क्षेत्र में डिफेंस कैपेबिलिटीज और मारक क्षमताओं में काफी वृद्धि की है। पूर्वी क्षेत्र में सिक्किम से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक, भारत-चीन के साथ 1,346 किलोमीटर लंबी एलएसी साझा करता है। भारतीय सेना के पास तीन एविएशन ब्रिगेड लेह, मिसामारी और जोधपुर हैं। यह लगभग 145 स्वदेशी एएलएच के साथ संचालित होता है, जिनमें से 75 रुद्र हथियारयुक्त संस्करण हैं। अन्य 25 ALH Mk-III ऑर्डर पर हैं और दो साल के भीतर चालू हो जाएंगे।

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