सार

केंद्र सरकार ने साइबर हमलों को रोकने के लिए 6 लाख मोबाइल नंबर, 65 हजार URL और 800 ऐप्स को ब्लॉक किया है। साइबर विंग ने 3.25 लाख धोखाधड़ी वाले खातों को फ्रीज किया है और 2800 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी रोकी है।

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय का साइबर विंग 14C, साइबर हमलों को रोकने के लिए लगातार प्रयासरत है. इस दिशा में केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए 6 लाख मोबाइल नंबर और धोखाधड़ी करने वाले 65 हजार URL (लिंक) को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया है. MHA साइबर विंग के आदेश पर धोखाधड़ी में शामिल 800 ऐप्स को भी ब्लॉक कर दिया गया है.

2023 में NCRP (नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) पर 1 लाख से अधिक निवेश घोटाले से संबंधित शिकायतें दर्ज की गई थीं. पूरे देश में साइबर क्राइम से जुड़े अनुमानित 17 हजार FIR दर्ज हुए हैं. जनवरी 2024 से सितंबर 2024 तक डिजिटल गिरफ्तारी 6000, ट्रेडिंग घोटाला 20,043, निवेश घोटाला 62,687 और डेटिंग घोटाला 1725 मामले दर्ज किए गए हैं.

साइबर विंग द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदम
1. पिछले चार महीनों में 3.25 लाख धोखाधड़ी वाले खातों (Mule Accounts) को डेबिट फ्रीज कर दिया गया है.
2. साइबर अपराध में शामिल 3401 सोशल मीडिया अकाउंट, वेबसाइट और व्हाट्सएप ग्रुप बंद.
3. पिछले साल से साइबर फ्रॉड से 2800 करोड़ रुपये बचाए गए हैं.
4. गृह मंत्रालय ने 8 लाख 50 हजार पीड़ितों को साइबर हमले से बचाया है.

साइबर अपराध नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?

1. पूरे देश में साइबर धोखाधड़ी से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय केंद्र शुरू

2. साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया को सरल बनाना

3. साइबर अपराध को रोकने के लिए संस्थानों को कानूनी सहायता.

4. साइबर अपराध के तरीकों और पैटर्न की पहचान करना. 

5. साइबर अपराध के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना.

6. नकली डिजिटल प्लेटफॉर्म की पहचान करना और उनके खिलाफ कार्रवाई करना. 

7. डिजिटल धोखाधड़ी के बारे में चेतावनी जारी करना

8. राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण

9. साइबर कमांडो प्रशिक्षण. अगले पांच वर्षों में 5,000 साइबर कमांडो को प्रशिक्षित किया जाएगा

 

14C विंग क्या है?
I4C विंग की स्थापना 5 अक्टूबर, 2018 को गृह मंत्रालय के साइबर और सूचना सुरक्षा प्रभाग (CIS प्रभाग) के तहत केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत की गई थी. इसका प्राथमिक उद्देश्य देश भर में साइबर अपराध से संबंधित सभी मुद्दों को हल करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक समन्वय केंद्र स्थापित करना है. I4C विंग साइबर अपराधों को रोकने, अपराध विश्लेषण और जांच, तकनीकी और कानूनी सहायता प्रदान करता है. अर्धसैनिक बल और राज्य पुलिस कर्मी I4C विंग में काम करते हैं.