दिल्ली में लाल किला विस्फोट के बाद क्या भारतीय मुसलमानों की एकजुटता देश को बचा पाएगी? शशि थरूर के साझा पत्र में पांच प्रतिष्ठित नागरिकों का हैरान कर देने वाला बयान-भाईचारा या खतरे का संदेश?
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर एक महत्वपूर्ण पत्र साझा किया। इस पत्र में उन्होंने पांच प्रतिष्ठित भारतीय मुसलमानों का बयान साझा किया, जो देशभक्त, प्रमुख नागरिक और समाज में सम्मानित व्यक्ति हैं। ये सभी नेताओं ने हालिया लाल किला विस्फोट की कड़ी निंदा की है।
शशि थरूर ने जो पत्र शेयर किया था, उसमें क्या लिखा है?
बयान में कहा गया कि यह हमला केवल राष्ट्र पर ही नहीं, बल्कि हर भारतीय मुसलमान की साझा विरासत पर हमला है। हम, चिंतित भारतीय मुसलमानों का एक समूह, ऐतिहासिक लाल किले में हुए हालिया बम विस्फोट की कड़ी निंदा करते हैं। यह जघन्य कृत्य हमारे राष्ट्र और हर मुसलमान की साझा विरासत पर हमला है। मुसलमान होने के नाते, हम इस अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा और भर्त्सना करते हैं। भारतीय मुसलमान सभी प्रकार के आतंक के खिलाफ एकजुट हैं। ऐसे अपराधों के लिए किसी भी समुदाय या हमारे कश्मीरी समाज को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता और न ही ठहराया जाना चाहिए, जिन्होंने स्वयं भारी कष्ट सहे हैं और जो हमारे परिवार का अभिन्न अंग हैं।
पत्र में शामिल हैं किसके-किसके नाम?
- डॉ. एस.वाई. क़ुरैशी, भारत के पूर्व मुख्य चुनाव संयोजक
- डॉ. नजीब जंग, दिल्ली के पूर्व एलजी और जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व वीसी
- लेफ्टिनेंट जनरल ज़मीर उद्दीन शाह (रा), पूर्व उप-चीफ एनी, पूर्व वीसी AMU
- सारेद मुस्तफा शेरवानी, उद्योगपति और रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष
- शाहिद सिद्दीकी, फार्मर सांसद, राज्यसभा
इस पत्र के माध्यम से क्या संदेश देना चाहते हैं शशि थरूर?
बयान में भारतीय मुसलमानों की एकजुटता और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख दिखाया गया। यह संदेश साफ करता है कि आतंक के किसी भी प्रयास को किसी विशेष समुदाय से जोड़ना गलत और अनुचित है। इस बयान को शशि थरूर ने साझा करते हुए कहा कि यह केवल व्यक्तिगत मित्रता का संकेत नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीय चेतावनी और भाईचारे का संदेश है। उनके मुताबिक़, आतंकवाद किसी धर्म, जाति या समुदाय को नहीं देखता, इसलिए हम सभी को मिलकर इसका मुकाबला करना होगा।
