सार

भारतीय रेलवे द्वारा वेटिंग टिकट पर आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने पर रोक लगाने की खबरें हैं। यह नियम कंफर्म टिकट वाले यात्रियों की सुविधा के लिए लिया गया है, लेकिन इससे वेटिंग टिकट पर सफर करने वाले लाखों यात्रियों को परेशानी होगी।

कहा जा सकता है कि यात्रियों की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे अपने नियमों को लगातार सख्त करता जा रहा है। रेलवे समय-समय पर कई दिशानिर्देश जारी करता रहता है। खबरों के मुताबिक, रेलवे प्रशासन ने वेटिंग टिकट पर आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यानी अगर आपके पास वेटिंग टिकट है तो आप एसी या स्लीपर कोच में सफर नहीं कर पाएंगे। भले ही आपने स्टेशन से ऑफलाइन टिकट खरीदा हो। फिलहाल इस तरह के टिकटों पर भी रेलवे ने आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने पर रोक लगा दी है।

हालांकि यह फैसला कंफर्म टिकट वाले यात्रियों की सुविधा के लिए लागू किया गया है, लेकिन इससे वेटिंग टिकट पर सफर करने वाले लाखों यात्रियों को काफी परेशानी होगी। हालांकि, अभी तक रेलवे की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। भारतीय रेलवे का नियम है कि अगर कोई यात्री रेलवे स्टेशन से वेटिंग टिकट खरीदता है तो वह आरक्षित डिब्बों में भी यात्रा कर सकता है। अगर एसी का वेटिंग टिकट है तो एसी में और स्लीपर का वेटिंग टिकट है तो वेटिंग टिकट पर स्लीपर कोच में सफर कर सकते हैं।

हालांकि, ऑनलाइन खरीदे गए टिकटों पर पहले से ही रोक है, क्योंकि अगर ऑनलाइन टिकट वेटिंग में है तो वह अपने आप कैंसिल हो जाता है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वेटिंग टिकट पर यात्रा करने पर रोक आज से नहीं, बल्कि अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही है, लेकिन इसे सख्ती से लागू नहीं किया गया। रेलवे का स्पष्ट नियम है कि अगर आपने खिड़की से टिकट खरीदा है और वह वेटिंग में है तो उसे रद्द कराकर पैसे वापस ले लें। ऐसा न करके यात्री डिब्बे में चढ़कर यात्रा करते हैं।

लेकिन, यात्रियों की परेशानी को देखते हुए फिलहाल इसे सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा है। अगर कोई यात्री वेटिंग टिकट पर आरक्षित डिब्बे में यात्रा करता पाया जाता है तो टीटीई उस पर 440 रुपये का जुर्माना लगा सकता है और उसे रास्ते में ही ट्रेन से उतार सकता है। उनका कहना है कि इसके अलावा टीटीई को यात्रियों को जनरल कोच में भेजने का भी अधिकार है।