सार
भारतीय नौसेना में शामिल हुई आईएनएस अरिघात भारत की दूसरी परमाणु पनडुब्बी है। यह 16 परमाणु मिसाइल ले जाने में सक्षम है और इसमें 83 मेगावाट का न्यूक्लियर रिएक्टर लगा है।
नई दिल्ली। इंडियन नेवी में नई परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघात (INS Arighat) शामिल हुई है। इससे भारत के पास परमाणु ऊर्जा से चलने वाली दो सबमरीन हो गई है। आईएनएस अरिहंत पहले से सेवा में है। अरिघात में एक बार में 16 परमाणु मिसाइल ले जाने की क्षमता है। हालांकि कुछ रिपोर्ट के अनुसार यह संख्या अधिक भी हो सकती है।
आईएनएस अरिघात के बारें में जानें 10 खास बातें
1- 112 मीटर लंबी अरिघात का डिस्प्लेसमेंट 6 हजार टन है।
2- अरिघात न्यूक्लियर पावर बैलिस्टिक सबमरीन है। इसे चलने के लिए परमाणु ऊर्जा से ताकत मिलती है। हमला करने के लिए इसमें बैलिस्टिक मिसाइल और टारपीडो रखे जाते हैं।
3- नई पनडुब्बी का नाम प्राचीन संस्कृत शब्द “अरिघात” पर रखा गया है। इसका मतलब है ‘शत्रुओं का नाश करने वाला’।
4- INS Arighat में 83 मेगावाट का न्यूक्लियर रिएक्टर लगा है। इसके चलते इसे लगातार लंबे समय तक पानी के अंदर रखा जा सकता है।
5- अरिघात समुद्र की सतह पर रहे तो इसकी अधिकतम रफ्तार 28 किलोमीटर प्रति घंटा है। वहीं, पानी के अंदर यह 44 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है।
6- आईएनएस अरिघात में 4 SLBMs (Submarine Launched Ballistic Missiles) रखे जा सकते हैं। इस मिसाइल का रेंज 3,500km से अधिक है।
7- अरिघात में 12 K-15 SLBMs रखने की जगह है। K-15 मिसाइल का रेंज 750 किलोमीटर है। इसमें न्यूक्लियर वारहेड लगाया जा सकता है।
8- दूसरी पनडुब्बी या युद्धपोत जैसे टारगेट को खत्म करने के लिए INS Arighat के पास वरुणास्त्र जैसे टारपीडो हैं।
9- INS अरिघाट के पास गेम-चेंजर स्टेल्थ क्षमताएं हैं। इसमें उन्नत सोनार सिस्टम, क्वाइट प्रोपल्शन और अत्याधुनिक स्टेल्थ तकनीक है। यह बिना पहचान में आए लंबे समय तक समुद्र में छिपकर काम कर सकता है।
10- आईएनएस अरिघात भारत की अरिहंत पनडुब्बी योजना का हिस्सा है। इसके विकास और निर्माण पर 12 अरब डॉलर की लागत आई है।
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