सार

सूडान में सेना और अर्धसैनिक समूह के बीच पिछले 6 दिनों से लड़ाई चल रही है। इसके चलते सूडान में बहुत से भारतीय फंस गए हैं। उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार कई देशों से बातचीत कर रही है।

नई दिल्ली। उत्तरपूर्वी अफ्रीकी देश सूडान में पिछले छह दिनों से सेना और अर्धसैनिक समूह के बीच लड़ाई चल रही है। इसके चलते 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। लड़ाकू विमानों की मदद से हवाई बमबारी भी की गई है।

सूडान में गृहयुद्ध जैसी स्थिति के बीच बहुत से भारतीय फंस गए हैं। उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार कई देशों से बातचीत कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस संबंध में अमेरिका, यूके, सऊदी अरब और UAE से बातचीत चल रही है। सऊदी अरब और UAE ने सूडान में जमीनी स्तर पर मदद करने आश्वासन दिया है।

खार्तूम में हुए कई धमाके

सरकारी सूत्रों ने कहा कि सूडान में स्थिति बहुत तनावपूर्ण बनी हुई है। ऐसी स्थिति में लोगों को बाहर निकालना खतरनाक हो सकता है। G7 के विदेश मंत्रियों ने मंगलवार को आह्वान किया कि सूडान में लड़ाई कर रहे गुट अपनी दुश्मनी तुरंत खत्म करें। सूडान के खार्तूम में जोरदार विस्फोट सुनाई दिए हैं। यहां वर्दी पहने हथियारबंद लड़ाके सड़कों पर घूमते देखे गए हैं।

एक भारतीय की हुई मौत

भारतीय अधिकारियों ने कहा कि सऊदी अरब और यूएई ने जमीन पर समर्थन का आश्वासन दिया है। सूडान में भारतीय दूतावास ने सोमवार को नई एडवाइजरी जारी की थी। इसमें भारतीयों से कहा गया था कि वे अपने घरों से बाहर नहीं निकलें और शांत रहें। रविवार को दूतावास ने बताया था कि खार्तूम में गोली लगने से एक भारतीय नागरिक की मौत हुई है। सूडान में वर्तमान स्थिति को देखते हुए विदेश मंत्रालय ने 24X7 कंट्रोल रूम स्थापित किया है।

सूडान में फंसे भारतीयों को लेकर हो रही राजनीति

दूसरी ओर सूडान में फंसे भारतीयों को लेकर राजनीति भी हो रही है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ट्वीट किया था कि सूडान में कर्नाटक के 31 आदिवासी फंसे हुए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से उनकी मदद की अपील की। इसपर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया था कि लोगों की जान दांव पर लगी है। आपसे अपील है कि इस मामले में राजनीति नहीं करें। 14 अप्रैल को लड़ाई शुरू होने के बाद से खार्तूम स्थित दूतावास वहां रह रहे भारतीय लोगों को संपर्क में है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस बयान के लिए जयशंकर की आलोचना की है।