सार
तेजस ने पहली उड़ान 2001 में भरी थी। 23 साल के इतिहास में पहली बार यह विमान हादसे का शिकार हुआ है। यह एक इंजन वाला मल्टी रोल फाइटर जेट है।
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना का एक तेजस लड़ाकू विमान राजस्थान के जैसलमेर में होटल कॉम्प्लेक्स के पास हादसे का शिकार हो गया है। तेजस स्वदेशी विमान है। 23 साल के इतिहास में पहली बार यह विमान क्रैश हुआ है। तेजस ने पहली उड़ान 2001 में भरी थी। एक इंजन वाले लड़ाकू विमान को सुरक्षित माना जाता है।
तेजस फाइटर जेट के बारे में 10 खास बातें
1. तेजस हल्के वजन और छोटे आकार का लड़ाकू विमान है। इसमें एक सीट होता है। तेजस के दो सीट वाले वर्जन का इस्तेमाल ट्रेनिंग के लिए होता है। भारतीय नौसेना द्वारा भी तेजस के दो सीट वाले वर्जन का इस्तेमाल किया जाता है।
2. 2001 में तेजस विमान ने पहली उड़ान भरी थी। इसे 22 मार्च 2016 को IOC (Initial Operational Clearance) मिला था। इसके बाद वायुसेना के लिए तेजस विमानों का निर्माण शुरू हुआ।
3. तेजस 4.5 जनरेशन का मल्टी रोल फाइटर जेट है। इसका इस्तेमाल जमीन पर हमला करने के साथ ही हवाई लड़ाई में भी हो सकता है।
4. तेजस के निर्माण में कम्पोजिट मटेरियल का अधिक इस्तेमाल किया गया है। इससे इसका वजन कम रखने और रडार की नजर में आने से बचाने में मदद मिलती है। 2016 में वायुसेना के स्क्वाड्रन नंबर 45 में पहली बार तेजस को शामिल किया गया था।
5. भारतीय वायुसेना वर्तमान में 40 तेजस एमके-1 विमान इस्तेमाल कर रही है। यह तेजस का अपग्रेड वर्जन है। इसके साथ ही 36,468 करोड़ रुपए की लागत से 83 तेजस एमके-1ए विमान के ऑर्डर दिया गया है। तेजस का निर्माण भारत सरकार की कंपनी HAL (Hindustan Aeronautics Limited) द्वारा किया जाता है।
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6. भारतीय वायुसेना को अपने पुराने मिग-21 विमानों को बदलना है। इसकी जगह एलसीए तेजस मार्क 1 ए विमानों द्वारा लिया जा रहा है। एलसीए प्रोग्राम 80 के दशक में शुरू किया गया था।
7. तेजस का वजन 5450 किलोग्राम है। यह अधिकतम 13500 किलोग्राम वजन के साथ उड़ान भर सकता है। इसका रेंज 3000 किलोमीटर है।
8. तेजस अधिकतम 2,205km/h की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। इसका डिजाइन डेल्टा विंग प्रकार का है। इसे एल्यूमीनियम-लिथियम मिश्र धातु, कार्बन-फाइबर कंपोजिट और टाइटेनियम मिश्र धातु से बनाया जाता है।
9. हवा में दूसरे विमानों को निशाना बनाने के लिए तेजस को पाइथन 5, डेरबी, Astra BVRAAM, Vympel R-77 और Vympel R-73 जैसे मिसाइल से लैस किया जा सकता है।
10. हवा से जमीन पर हमला करने के लिए तेजस में Kh-59ME टीवी गाइडेड स्टैंड ऑफ मिसाइल, Kh-59MK लेजर गाइडेड स्टैंड ऑफ मिसाइल, एंटी शिप मिसाइल, और Kh-35 व Kh-31 मिसाइल लगाए जा सकते हैं।
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