IndiGo Refund Process: इंडिगो के 10,000 रुपये वाउचर के पीछे क्या है असली कहानी? 3-5 दिसंबर की फ्लाइट अफरा-तफरी के बाद एयरलाइन ने अचानक यह बड़ा कदम क्यों उठाया और कौन यात्री ‘बहुत ज़्यादा प्रभावित’ की गुप्त श्रेणी में आते हैं?

नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo हाल ही में भारी संकट से गुजरी। 3 से 5 दिसंबर के बीच देश के कई एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी मच गई, क्योंकि इंडिगो ने सैकड़ों फ्लाइट्स कैंसिल कर दीं। हजारों पैसेंजर घंटों तक एयरपोर्ट्स पर फंसे रहे, कई लोगों की ट्रिप खराब हो गई और सोशल मीडिया पर इंडिगो के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा। अब एयरलाइन ने एक बड़ा कदम उठाया है-कुछ चुनिंदा "बहुत ज़्यादा प्रभावित" यात्रियों को 10,000 रुपये का ट्रैवल वाउचर देने की घोषणा की है। लेकिन इंडिगो किन यात्रियों को यह मुआवज़ा देगी और "बहुत ज़्यादा प्रभावित" का असली मतलब क्या है? एयरलाइन ने इस बारे में कोई स्पष्ट मानक नहीं बताया, जिससे इसे लेकर और भी रहस्य और सवाल खड़े हो गए हैं। यह पूरा मामला देश के एविएशन सेक्टर में एक नए विवाद की तरह सामने आया है।

क्या हुआ था 3-5 दिसंबर को? इंडिगो की फ्लाइट्स अचानक क्यों बेकाबू हुईं?

3, 4 और 5 दिसंबर 2025 को देशभर के एयरपोर्ट्स पर भारी हंगामा हुआ। कारण-इंडिगो के क्रू की अचानक कमी।

नतीजा:

  • कई फ्लाइट्स देरी से उड़ी
  • कई घंटों तक पैसेंजर फंसे रहे
  • कई फ्लाइट्स आखिरी वक्त में कैंसिल
  • एयरपोर्ट्स पर भीड़ और गुस्सा

इस स्थिति ने यात्रियों को काफी परेशान किया। कई ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किए, जिनमें वे कही 6 घंटे, कहीं 8 घंटे और कहीं 12 घंटे तक इंतजार में बैठे दिखे।

Indigo कहती है-"हमने रिफंड दे दिए", लेकिन क्या यही काफी है?

इंडिगो ने आधिकारिक बयान जारी किया कि वह कैंसिल फ्लाइट्स का पूरा रिफंड पहले ही प्रोसेस कर चुकी है। लेकिन यात्री कहते हैं कि रिफंड तो बाद में मिला, पहले एयरपोर्ट पर घंटों तक फंसे रहने की परेशानी किसने झेली? इसी दबाव के बाद इंडिगो को नया मुआवज़ा घोषित करना पड़ा।

आखिर "बहुत ज़्यादा प्रभावित" पासेंजर्स कौन हैं? Indigo ने क्यों नहीं बताया?

इंडिगो ने घोषणा तो कर दी कि वह 10,000 रुपये का ट्रैवल वाउचर देगी, लेकिन उसने यह नहीं बताया कि “बहुत ज़्यादा प्रभावित” किसे कहेंगे? कौन-सी स्थिति में कोई इस मुआवज़े के लिए योग्य होगा? यात्रियों की पहचान कैसे होगी? क्या इंडिगो उनसे संपर्क करेगी, या यात्रियों को क्लेम करना पड़ेगा? इस अस्पष्टता ने पूरे मामले को और ज्यादा रहस्यमय बना दिया है।

क्या यह 10,000 रुपये का मुआवज़ा पहले मिले 5,000–10,000 रुपये से अलग है?

हां। इंडिगो का कहना है कि यह नया 10,000 रुपये का ट्रैवल वाउचर पहले वाले सरकारी नियम के तहत मिलने वाले मुआवज़े के अतिरिक्त है।

सरकार के नियमों के हिसाब से:

  • अगर फ्लाइट उड़ान से 24 घंटे पहले कैंसिल होती है।
  • तो एयरलाइन को 5,000 से 10,000 रुपये तक का मुआवज़ा देना होता है।
  • इंडिगो ने यह मुआवज़ा पहले ही दे दिया था।
  • अब यह नया वाउचर उन यात्रियों के लिए है जिन्हें “अतिरिक्त परेशानी” हुई।

ट्रैवल वाउचर का इस्तेमाल कैसे और कब तक किया जा सकेगा?

इंडिगो के मुताबिक यह वाउचर 12 महीनों तक वैध रहेगा। इसे किसी भी इंडिगो फ्लाइट की बुकिंग में इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि वाउचर नकद में कन्वर्ट होगा या सिर्फ टिकट बुकिंग के लिए मान्य रहेगा।

क्या इंडिगो अब पूरी तरह नॉर्मल हो गई है?

एयरलाइन का कहना है कि पिछले तीन दिनों में किसी भी फ्लाइट में उसी दिन कैंसलेशन नहीं हुआ। नेटवर्क की 138 डेस्टिनेशन पर अब 1900+ फ्लाइट्स सुचारू रूप से चल रही हैं। ऑन-टाइम परफॉर्मेंस फिर से बेहतर हो चुका है अर्थात, इंडिगो अपना भरोसा वापस जीतने की कोशिश कर रही है। तीन दिनों से किसी भी फ्लाइट को उसी दिन कैंसिल नहीं करना पड़ा है (मौसम और तकनीकी कारण छोड़कर)।एयरलाइन का दावा है कि ऑन-टाइम परफॉर्मेंस अब “टॉप इंडस्ट्री स्टैंडर्ड” पर लौट आया है। हालांकि, यात्री अब भी सावधानी से सफर की प्लानिंग कर रहे हैं।