सार

केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वे में इंदौर और सूरत शहर ने बाजी मारी है। देश के सबसे स्वच्छ शहरों में इन दोनों ने अपना दबदबा कायम किया है। इंदौर को लगातार 7वीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का खिताब मिला है।

 

Swachh Survekshan. केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वे में इंदौर और सूरत शहर ने बाजी मारी है। देश के सबसे स्वच्छ शहरों में इन दोनों ने अपना दबदबा कायम किया है। इंदौर को लगातार 7वीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का खिताब मिला है।

इंदौर को लगातार 7वीं बार पुरस्कार

स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्धता की शानदार जीत में इंदौर और सूरत एक बार फिर भारत के सबसे स्वच्छ शहरों के रूप में उभरे हैं। दोनों शहरों ने केंद्र के स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में अखिल भारतीय स्वच्छ शहर रैंक 1 हासिल किया है। इंदौर ने लगातार 7वीं बार खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है। वहीं, सूरत ने सफाई के प्रति समर्पण और स्वच्छ-हरित शहरी प्रयास के लिए राष्ट्रीय मानक स्थापित किया है। स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाते हुए नवी मुंबई ने अखिल भारतीय स्वच्छ शहर रैंक 3 हासिल किया है। नवी मुंबई में स्वच्छता को लेकर जिस तरह के काम किए जा रहे हैं, इससे उम्मीद है कि आने वाले समय में यह और बेहतर प्रदर्शन करेगा।

 

इन शहरों ने किया बेहतर प्रदर्शन

एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में सासवड ने स्वच्छ और स्वस्थ राष्ट्र की परिकल्पना में योगदान दिया है और अखिल भारतीय स्वच्छ शहर रैंक 1 हासिल किया है। पाटन भी इसी क्रम पर है और अखिल भारतीय स्वच्छ शहर रैंक 2 के रूप में चमक रहा है। जबकि लोनावला ने तीसरा स्थान हासिल किया है, जो कि स्वच्छता के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। MHOW छावनी बोर्ड को सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड के रूप में पहचान मिली है। दूसरी ओर चंडीगढ़ ने सुरक्षित और स्वच्छ शहर बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में सर्वश्रेष्ठ सफाई मित्र सुरक्षित शहर का खिताब जीता है। गंगा के किनारे स्वच्छता के महत्व को पहचानते हुए वाराणसी और प्रयागराज ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में सबसे स्वच्छ गंगा शहरों के रूप में शीर्ष स्थान हासिल किया है। उनके प्रयास इस पवित्र नदी की पवित्रता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

यह भी पढ़ें

Lok Sabha Election: क्या है BJP की रणनीति-कैसे फाइनल होंगे कैंडिडेट्स? जानें यह पूरा प्लान