सार
भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के लिए 6 जनवरी का दिन ऐतिहासिक होने वाला है क्योंकि भारत का पहला सोलर मिशन लैंग्रेज प्लाइंट पर पहुंच जाएगा।
ISRO Chief S Somnath. भारत का पहला सोलर मिशन 6 जनवरी को हैलो ऑरबिट यानि लैंग्रेज प्वाइंट 1 के पास पहुंच जाएगा। पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर सन-अर्थ सिस्टम के लैंग्रेज प्वाइंट तक पहुंचने वाला यह भारत का पहला सोलर मिशन है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा है कि पीएसएलवी एक्सपोसैट बहुत ही अच्छा कर रहा है, जिसे 1 जनवरी 2024 को श्रीहरिकोटा से लांच किया गया था। हैदराबाद के जवाहर लाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में प्रेस से बात करते हुए इसरो चीफ ने लेटेस्ट जानकारी शेयर की है।
इसरो चीफ को डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की उपाधि
इसरो चीफ सोमनाथ को जवाहर लाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ने डॉक्टर ऑफ फिलासफी की उपाधि दी है। इस दौरान उन्होंने कहा कि 1 जनवरी को लांच किया गया एक्सपोसैट सैटेलाइट बेहतर काम कर रहा है और इसके सभी इक्विपमेंट काम कर रहे हैं। जल्द ही हमें इसके परिणाम भी मिलने लगेंगे। कहा कि 2024 बेहद इवेंटफुल साल है क्योंकि इस वर्ष इसरो कई प्रोजेक्ट्स को लांच कर सकता है। इसरो का अगला लक्ष्य जीएसएलवी लांच है।
इसरो किस लांच की कर रहा है तैयारी
इसरो चीफ ने बताया कि साइक्लोन, मौसम की जानकारी, बारिश, बाढ़ और सूखे की सटीक जानकारी के लिए इनसैट 3डीएस की लांचिंग भी जल्द की जाएगी। यह सैटेलाइट इसी महीने या फिर फरवरी के पहले सप्ताह में लांच की जा सकती है। हम इसे फाइनली तैयार कर रहे हैं। सोमनाथ ने कहा कि हम गगनयान ह्यूमन स्पेस फ्लाइट प्रोग्राम पर काम कर रहे हैं। यह साल गगनयान वर्ष के तौर पर जाना जाएगा। इसके अलावा जीएसएलवी कमर्शियल लांच किया जाएगा। उन्होंने आदित्य एल1 की लांचिंग पर भी अपडेट दिया और कहा कि 6 जनवरी को यह अपने अंतिम ऑरबिट में पहुंच जाएगा।
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