सार
उपराष्ट्रपति पद के एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने अपनी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की मार्गरेट अल्वा को हराया था। चुनाव आयोग ने 6 अगस्त की शाम को नतीजों का ऐलान किया था। Jagdeep Dhankhar को 528 वोट मिले थे। जबकि मार्गरेट अल्वा को 182 वोट।
नई दिल्ली. जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने आज(11 अगस्त) को देश के नए उप राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली। इससे पहले धनखड़ राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू(President Draupadi Murmu) उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन में हुआ। इस संक्षिप्त शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, निवर्तमान उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित मंत्रिमंडल के कई मंत्री मौजूद थे। धनखड़ ने अपनी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की मार्गरेट अल्वा को हराया था। Jagdeep Dhankhar को 528 वोट मिले थे, जबकि मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले थे। 15 सांसदों के वोट अवैध पाए गए थे। जगदीप धनखड़ देश के 14वें उपराष्ट्रपति हैं। धनखड़ का राजनीतिक करियर करीब 30 सालों का है।1989 में वे सक्रिय राजनीति में आए थे।
दोनों सदनों की कमान राजस्थान के हाथ में
यह गजब संयोग है कि अब देश के दोनों सदनों की कमान राजस्थान के हाथों में है। जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला दोनों राजस्थान से हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी राजस्थान के कोटा के रहने वाले हैं। वहीं,जगदीप धनखड़, राजस्थान के झुंझुनूं के एक सुदूर गांव के रहने वाले हैं। मोदी कैबिनेट में भी राजस्थान से चार नेता शामिल हैं। माना जा रहा है कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति बनने के बाद भाजपा को 2023 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान में अपना कद बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस समय मोदी कैबिनेट में राजस्थान के चार नेता-गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश चौधरी और भूपेंद्र यादव शामिल हैं।
जगदीप धनखड़ के बारे में जानिए
किसान परिवार में जन्में जगदीप धनखड़ ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में पूरी की है। भौतिकी में स्नातक करने के बाद जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विवि से एलएलबी किया। धनखड़ को देश के अग्रणी वकीलों में गिना जाता रहा है। 1989 में राजनीति में प्रवेश करने के साथ झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। जनता दल से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले श्री धनखड़, 1990 में जनता दल सरकार में देश के संसदीय कार्य राज्यमंत्री के रूप में कार्य किया। 1991 में टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस में शामिल हो गए। अजमेर जिला के किशनगढ़ से 1993 में वह कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए। धनखड़ ने 2003 में बीजेपी ज्वाइन कर लिया था। 2019 में बीजेपी ने उनको पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया। यहां उनकी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कभी पटरी नहीं बैठी।
नायडू, बिड़ला ने धनखड़ के साथ संसदीय मामलों, राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर विचार शेयर किए
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को निवर्तमान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और उनके उत्तराधिकारी जगदीप धनखड़ की उनके आवास पर मेजबानी की थी। लोकसभा सचिवालय ने एक बयान में कहा कि नायडू और बिड़ला ने निर्वाचित उपराष्ट्रपति धनखड़ के साथ राष्ट्रीय हित और संसदीय मामलों के मुद्दों पर अपने विचार और अनुभव शेयर किए।
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