सार
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में चार दिन से एनकाउंटर (Anantnag Encounter) चल रहा है। आतंकवादी पहाड़ी की चोटी पर एक गुफा में छिपे हुए हैं। वहां तक पहुंचने का एक ही रास्ता है। वह संकीर्ण है और कोई आड़ नहीं है।
अनंतनाग। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग (Anantnag Encounter) के कोकेरनाग के गडुल जंगलों में चार दिन से आतंकियों के साथ सेना के जवानों का मुठभेड़ चल रहा है। इस मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारी और एक जवान की मौत हुई है। पुलिस के एक अधिकारी की भी जान गई है। सेना ने मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों को भी मार गिराया है।
सेना की चिनार कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक अपडेट पोस्ट किया जिसमें कहा गया कि तीन आतंकवादियों ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने का प्रयास किया था लेकिन सतर्क सैनिकों से उनका सामना हुआ। जहां दो आतंकवादियों के शव बरामद कर लिए गए, वहीं पास की पाकिस्तानी चौकी से गोलीबारी के कारण तीसरे आतंकवादी के शव की बरामदगी में बाधा आई।
आतंकवादी एक पहाड़ी की चोटी पर मौजूद गुफा में छिपे हुए हैं। इसके एक ओर घने जंगल हैं और दूसरी ओर गहरी खाई। गुफा तक जाने का एक ही रास्ता है। वह भी संकीर्ण है और कोई आड़ भी नहीं है। मुश्किल लोकेशन होने के चलते आतंकियों तक सुरक्षाबलों को जाने में परेशानी हो रही है।
आतंकियों ने इस ठिकाने पर खाना और गोला-बारूद का बड़ा स्टॉक रखा था, जिसके चलते वे पांचवें दिन भी फायरिंग कर रहे हैं। सुरक्षाबलों से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आतंकवादी जिस गुफा में छिपे हुए हैं वह पहाड़ी की चोटी पर है। यहां तक जाने के लिए खड़ी चढ़ाई है। ऊंचाई पर होने के चलते आतंकी सुरक्षाबलों पर नजर रख पा रहे हैं। गुफा तक जाने के रास्ते में कोई आड़ नहीं है इसके चलते आतंकियों ने कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ढोंचक और डीएसपी हिमायूं भट को निशाना बनाया।
मंगलवार रात को सेना ने शुरू किया था सर्च ऑपरेशन
सेना को खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ आतंकवादी कोकेरनाग के गडुल के जंगलों में छिपे हुए हैं। इसके बाद मंगलवार की रात सेना और पुलिस ने संयुक्त सर्च ऑपरेशन शुरू किया था, लेकिन आतंकी नहीं मिले थे। उसी वक्त सेना और पुलिस के जवानों की संयुक्त टीम को सूचना मिली कि आतंकवादी पहाड़ी की चोटी पर हैं।
बुधवार सुबह शुरू हुआ था मुठभेड़
सुरक्षाबलों ने बुधवार अहले सुबह आतंकियों पर हमला करने का फैसला किया था। पहाड़ी की चोटी पर जाने का रास्ता बेहद कठिन है। यह बहुत संकरा है। इसके एक ओर पहाड़ और घने जंगल हैं और दूसरी ओर गहरी खाई। जवानों ने रात में चढ़ाई शुरू की। घने अंधेरे ने इसे अभियान को ओर मुश्किल बना दिया था। जवान गुफा के पास पहुंचे तो आतंकियों ने उन्हें साफ-साफ देख लिया और फायरिंग कर दी। जवान संकरे रास्ते पर फंस गए थे। बचने के लिए कोई कवर नहीं था। दूसरी तरफ खाई होने से गिरने का खतरा था। 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, कंपनी कमांडर मेजर आशीष धोंचक और डीएसपी हिमायूं भट को गोली लगी, जिससे उनकी मौत हो गई। इस गोलीबारी में घायल हुए एक जवान की मौत शुक्रवार को हुई।
आतंकियों के ठिकाने पर दागे गए रॉकेट
बुधवार से सुरक्षाबलों के जवान पहाड़ी को घेरे हुए हैं। एनकाउंटर जारी है। शुक्रवार को आतंकियों को निशाना बनाते हुए ड्रोन से बम गिराए गए और रॉकेट लॉन्चर से रॉकेट दागे गए। दिन भर फायरिंग हुई। आतंकियों को निशाना बनाने के लिए इजरायल से लिए गए हेरॉन ड्रोन से हमला किया गया।
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी से हो रहा मुठभेड़
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुठभेड़ लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों से हो रहा है। यहां दो से तीन आतंकियों के छिपे होने की संभावना है। इनमें से एक उजैर खान है। वह पिछले साल लश्कर में शामिल हुआ था। उसे इलाके के बारे में पूरी जानकारी है। इसका लाभ आतंकियों को हो रहा है।
यह भी पढ़ें- अनंतनाग मुठभेड़ पर बोले मंत्री वीके सिंह- पाकिस्तान के साथ नहीं खेलना चाहिए क्रिकेट, अलग-थलग करना जरूरी
सूत्रों के अनुसार आम आतंकी इतनी अधिक देर तक एनकाउंटर में नहीं टिक पाते। ये आतंकी बहुत अच्छी तरह ट्रेन्ड किए गए हैं। इनके पास अच्छे हथियार भी हैं। इस बात की भी आशंका है कि सुरक्षाबलों को जानकारी देने वाले ने डबलक्रॉस किया हो। उसने आतंकियों को सुरक्षाबलों के आने की सूचना लीक की हो।
बारामूला में मुठभेड़, तीन आतंकी मारे गए
दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के उरी के हथलंगा के अग्रिम इलाके में आतंकवादियों के साथ सेना और बारामूला पुलिस की मुठभेड़ हुई है। इसमें तीन आतंकी मारे गए हैं।