सार
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के हमले से निपटने के लिए अब सुरक्षा बलों को फ्री हैंड कर दिया गया है। आतंकियों के खिलाफ पुंछ और राजौरी जिलों के वन क्षेत्र में आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
पुंछ। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आतंकियों के नापाक मंसूबों को ध्वस्त करने के लिए सेना (Army) व सुरक्षा बलों (security forces) का अभियान लगातार जारी है। पाकिस्तान (Pakistan)की शह पर घाटी को अस्थिर करने की साजिश को नाकाम करने के लिए सैन्य बल लगातार सर्च ऑपरेशन को जारी रखे हुए हैं। जंगल इलाके में पचास किलोमीटर के दायरे में सुरक्षा बल आतंकियों से मुकाबला कर रहे हैं। सुरक्षा बलों की मूवमेंट की मुखबीरी करने वाले 26 लोगों को अरेस्ट भी किया गया है। इनमें से पाकिस्तान भाग रहे तीन मुखबीरों को काठमांडू में अरेस्ट कर पूछताछ किया जा रहा है।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के हमले से निपटने के लिए अब सुरक्षा बलों को फ्री हैंड कर दिया गया है। आतंकियों के छिपे होने की आशंकाओं वाले क्षेत्र में सुरक्षा बलों (Security Forces) को तैनात करने के साथ बीते दिनों लोगों को अधिक से अधिक समय घरों में ही रहने की सलाह दी गई थी। सुरक्षा बलों के आपरेशन में आम नागरिकों को कोई नुकसान न हो इसलिए पहले ही यह अलर्ट जारी कर दिया गया था।
करीब एक महीने से पुंछ और राजौरी जिलों में चल रहा ऑपरेशन
आतंकियों के खिलाफ पुंछ और राजौरी जिलों के वन क्षेत्र में आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा रहा है। करीब एक महीना से चल रहे इस आपरेशन में कई सैनिक भी हताहत हो चुके हैं।
अब आरपार की लड़ाई के मूड में सुरक्षा बल
आतंकियों के नागरिकों और सैन्य बलों पर आए दिन हमले के बाद अब सुरक्षा बल आरपार के मूड में है। सुरक्षा बलों की तैनाती जगह जगह कर दी गई है। मेंढर, भट्टा दुर्रियां और आसपास के क्षेत्रों में स्थानीय मस्जिदों से मुनादी कर लोगों को सतर्क किया गया था।
आशंका है कि पुंछ जिले के मेंढर के वन क्षेत्र में आतंकी छिपे हो सकते हैं। ऐसे में अधिकारियों ने लोगों से वन क्षेत्र में नहीं जाने और अपने मवेशियों को भी घरों में रखने को कहा गया है।
11 अक्टूबर को पांच जवान हो गए थे शहीद
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकवाद विरोधी अभियान (anti terrorist activities) के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) के एक जेसीओ और 4 जवान शहीद हो गए थे। सेना ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के सुरनकोट अधिकार क्षेत्र में डीकेजी के करीब के गांवों में ऑपरेशन शुरू किया था। इंटेलिजेंस इनपुट था कि उस इलाके में आतंकियों की मौजूदगी है। इसी सर्च अभियान के दौरान आतंकियों ने घात लगाकर सैनिकों पर हमला कर दिया था। इन आतंकियों के साथ फिर 13 अक्टूबर को मुठभेड़ शुरू हुई, जिसमें भारतीय सेना के चार और जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद आतंकी घनी झाड़ियों में जाकर छिप गए थे।
पुलिस का स्पेशल एक्शन ग्रुप भी ऑपरेशन में शामिल
घाटी में आतंकियों के बढ़ते दुस्साहस के बाद सैन्य व सुरक्षा बलों के साथ साथ पुलिस का स्पेशल ग्रुप भी ऑपरेशन में शामिल हो चुका है। बताया जा रहा है कि इन आतंकियों को खाने-पीने का सामान और सूचनाएं स्थानीय लोग दे रहे थे, जो पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के पे रोल पर थे। इनको ओवर ग्राउंड वर्कर भी कहा जा रहा है। पुलिस ने अभी ऐसे 26 ओवर ग्राउंड वर्कर्स को अरेस्ट किया है। इन पर सुरक्षा बलों की एक्टिविटीज व मूवमेंट की जानकारी देने का भी आरोप है।
काठमांडू में तीन को अरेस्ट किया
कश्मीर में सुरक्षा बलों की मुखबीरी करने वाले तीन लोगों को नेपाल से अरेस्ट किया गया है। ये लोग पुंछ जिले के मेंढर में सुरक्षा बलों की जासूसी कर रहे थे। तीनों पर जब शक हुआ तो ये लोग नेपाल भाग गए। काठमांडू से सऊदी अरब और फिर पाकिस्तान जाने की फिराक में भाग रहे तीनों को काठमांडू एयरपोर्ट पर अरेस्ट किया गया है। जबकि मंगलवार की रात में 5 लोगों को मेंढर, सूरनकोट और राजौरी से गिरफ्तार किया गया है।
ये लोग सीमापार से कनेक्ट थे
पुलिस और सुरक्षा बलों ने जिन 26 लोगों को अरेस्ट किया है, उन्होंने स्वीकार किया है कि वे सीमापार से आदेश पाते थे और यहां की सूचनाएं उधर बताते थे। ये घुसपैठ कर भारत मे घुसने वाले आतंकियों को आगे के रास्ते की जानकारी देते थे। यही नहीं आने वाले आतंकियों के रहने व खाने का प्रबंध करते थे। पुंछ और राजौरी मे एलओसी में कई ऐसे इलाके हैं, जिनके रास्ते ये आतंकी घुसपैठ करते हैं।
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