सार

तमिलनाडु में भारी बारिश(Tamil Nadu Heavy Rains) के चलते जिंदगी बेपटरी हो गई है। मौसम विभाग ने 11 नवंबर तक बारिश जारी रहने की चेतावनी दी है। बारिश को देखते हुए 22 जिलों में 2 दिनों के लिए स्कूल की छुट्टी कर दी गई है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। 

चेन्नई. तमिलनाडु में भारी बारिश (Tamil Nadu Heavy Rains) के कहर से 22 जिलों में बुरा असर पड़ा है। मौसम विभाग ने 2-3 दिनों और बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसे देखते हुए इन जिलों में 11 नवंबर तक स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 11 नवंबर तक चेन्नई, विल्लुपुरम, कुड्डालोर जैसे उत्तरी क्षेत्रों और मयिलादुथुराई और नागपट्टिनम जिलों के डेल्टा क्षेत्रों के अलावा पड़ोसी पुडुचेरी और करियाक्कल में भारी बारिश की संभावना जताई है। 

बारिश से जगह-जगह गंदगी हुई जमा
बारिश के चलते कई इलाकों में पानी भरा हुआ है। गंदगी इकट्ठी हो गई है। ऐसे में बीमारियां फैलने का खतरा भी पैदा हो गया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन(MK Stalin) राहत कार्यों की खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को राहत कार्यों में तेज लाने के निर्देश दिए हैं। लोगों की शिकायतें आ रही हैं कि कई इलाकों में राहत नहीं पहुंच पा रही है। इसे लेकर लोग प्रदर्शन भी कर रहे हैं। बुधवार को चेन्नई में पुलनथपै इलाके में लोगों ने ट्रैफिक जाम करके रोष जताया। कई जगहों पर बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। प्रशासन जगह-जगह से गंदा पानी निकालने के लिए गाड़ियां भेज रहा है।

इन जगहों पर फिर बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने कुड्डालोर, विलुप्‍पुरम, शिवगंगा, रामनाथपुरम और कराईकल के लिए रेड अलर्ट (भारी बारिश) जारी किया है। भारतीय मौसम विभाग(IMD) ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व में और पड़ोसी दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण(cyclonic circulation) बना हुआ है। IMD के अनुसार, इसके 11 नवंबर को सुबह तक उत्तरी तमिलनाडु तट के समीप पहुंचने की संभावना है। इसका असर भारी बारिश के रूप में दिखेगा।

160 राहत कैम्प बनाए गए
चेन्नई के कई इलाकों में पानी भरा हुआ है। प्रदेश में लगातार बारिश के चलते कई इलाकों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। अकेले चेन्नई में 260 घर तबाह हो गए। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षा और आश्रय देने 160 से अधिक कैम्प बनाए हैं। बता दें कि चेन्नई में वर्ष, 2015 में भारी बारिश(Heavy Rain) ने भयंकर तबाही मचाई थी। तब 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि तब सरकार ने सबक लिया और इंतजाम किए। इससे इस बार नुकसान अधिक नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री स्टालिन खुद राहत कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। IMD द्वारा मछुआरों को 12 नवंबर तक  समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन ने 23,000 कर्मियों को रेस्क्यू में लगाया गया है। वहीं मुख्यमंत्री ने 15 निगम क्षेत्रों में राहत कार्यों की निगरानी के लिए 15 आईएएस अधिकारियों को तैनात किया है।

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