सार

जम्मू-कश्मीर में चुनाव के मद्देनजर बढ़ते आतंकी खतरों के बीच ग्राम सुरक्षा गार्डों (VDG) को सेना और स्थानीय पुलिस विशेष प्रशिक्षण दे रही है। उन्हें ऑटोमेटिक राइफल चलाने समेत सेल्फ डिफेंस सिखाया जा रहा है ताकि वे आतंकी हमले का सामना कर सकें।

नेशनल न्यूज। जम्मू कश्मीर पिछले कुछ महीनों से आतंकी वारदातें तेजी से बढ़ रही हैं। अगले महीने यहां चुनाव भी होने जा रहे हैं। ऐसे में आतंकियों के सक्रिय होने की आशंका को देखते हुए आर्मी और स्थानीय पुलिस की मदद से ग्राम सुरक्षा गार्डों (वीडीजी) को भी ट्रेनिंग दी जा रही है। चुनाव के करीब आने के साथ प्रशिक्षण में भी तेजी लाया गया है। सभी गार्डों को ऑटोमेटिक राइफल चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे भी आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे सकें। जम्मू कश्मीर में 4 अक्टूबर को चुनाव होने हैं जबकि मतगणना 8 तारीख को रखी गई है।

600 गार्ड्स को दी जा रही ट्रेनिंग
जम्मू में स्थानीय पुलिस के रिक्वेस्ट पर ग्राम सुरक्षा गार्ड्स को ट्रेनिंग दी जा रही है। पहले राजौरी क्षेत्र में 500 ग्रामीणों को प्रशिक्षित किया गया था। फिर डोडा और किश्तवाड़ इलाके में करीब 90 से अधिक लोगों को सेना ने खास ट्रेनिंग दी थी ताकि वह आतंकी हमले होने के दौरान अपने गांव की सुरक्षा कर सकें और परिस्थिति का डट कर मुकाबला कर सकें। 

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जम्मू कश्मीर में चुनाव से पहले आतंकी खतरे की आशंका
जम्मू कश्मीर में चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ तैयारी भी चल रही है। ऐसे में चुनाव के दौरान आतंकी हमले का भी खतरा बना हुआ है। इसे देखते हुए गांव को आतंकी खतरे से बचाने के लिए नागरियों को ये खास ट्रेनिंग दी जा रही है। इससे वे आत्म रक्षा में सक्षम होंगे। 

इलाके की स्थानीय यूनिट गांवो में ट्रेनिंग दे रही
सूत्रों के मुताबिक हर क्षेत्र में सेना की स्थानीय यूनिट के जवान ग्राम सुरक्षा गार्डों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। उन्हें राइफल चलाना भी सिखा रहे हैं। विलेज डिफेंस गार्ड की टीम को काफी सावधानी पूर्वक तैयार किया गया है। हर वीडीजी यूनिट को कम से कम तीन दिन की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें सरोल स्थित कोर बैटल स्कूल के ट्रेनर्स का भी सहयोग मिल रहा है। 

ग्राम सुरक्षा गार्डों को मिलेंगी 7.62 ऑटोमेटिक राइफल्स
सेना के आयुध और जम्मू कश्मीर पुलिस के प्रयास से ग्राम सुरक्षा गार्डों को 7.62 ऑटोमेटिक राइफल्स भी दी जाएंगी। इससे पहले वीडीजी के पास काफी पुरानी तकनीक की .303 राइफल्स थीं। इससे सेना और अन्य सुरक्षा बल, जम्मू कश्मीर में घुसपैठ और आतंक विरोधी ग्रिड के साथ जमीनी खुफिया नेटवर्क भी मजबूत होगा।