Jammu Kashmir Breaking News: जम्मू-कश्मीर के पुंछ की खतरनाक घाटी में आखिर हुआ क्या? सर्च ऑपरेशन लीड कर रहे आर्मी JCO खड़ी ढलान पर कैसे फिसले? क्या यह सिर्फ हादसा था या इलाके की कोई छिपी चुनौती? इस रहस्यमय गिरावट ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
Poonch JCO Death: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शुक्रवार शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे सैन्य तंत्र और स्थानीय प्रशासन को हिला दिया। एक आर्मी जूनियर कमीशन्ड ऑफिसर (JCO) की गहरी खाई में गिरकर मौत हो गई। घटना इतनी अचानक और खतरनाक थी कि मौके पर मौजूद जवान भी कुछ क्षण के लिए समझ नहीं पाए कि आखिर हुआ क्या। इस घटना के बाद सेना द्वारा तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। अधिकारी बताते हैं कि JCO की मौके पर ही मौत हो गई थी। मेडिकल और कानूनी प्रक्रिया पूरी करके उनकी बॉडी को उनके गृहनगर भेज दिया गया है।
रेस्क्यू टीम की कोशिशें सफल क्यों नहीं हो पाईं?
अधिकारियों के अनुसार, JCO सेरी मस्तान और बेहरामगल्ला इलाके के बीच एक टीम को लीड कर रहे थे। मौसम, इलाके की जटिलता और ढलानों की खतरनाक स्थिति को देखते हुए यह ऑपरेशन पहले से ही हाई-रिस्क माना जाता है। लेकिन इसी दौरान अचानक उनका बैलेंस बिगड़ गया और वे कई सौ फीट नीचे खाई में जा गिरे। जब जवानों ने उन्हें गिरते देखा, तो तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। लेकिन खाई की गहराई, पत्थरों की तेज ढलान और रास्ते की मुश्किलों ने टीम की कोशिशों को धीमा कर दिया। जब तक जवान नीचे पहुंचे, JCO की सांसें थम चुकी थीं।
क्या खड़ी ढलान ने ली JCO की जान?
अधिकारी बताते हैं कि ढलान बहुत खतरनाक थी। रात का समय, सीमित दृश्यता और कठोर पहाड़ी रास्ते, सब मिलकर जोखिम को बढ़ाते हैं। थोड़ी सी भी चूक जानलेवा साबित हो सकती है और यही इस मामले में हुआ।
- क्या JCO का पैर फिसला?
- क्या उन्होंने अचानक संतुलन खो दिया?
- क्या इलाके की स्थिति ऑपरेशन के लिए अत्यधिक चुनौतीपूर्ण थी?
इन सभी सवालों की जांच सेना कर रही है।
रेस्क्यू टीम ने मौके पर ही पाया मृत
आर्मी के जवान तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गए। हालांकि खाई की गहराई और इलाके की कठिन परिस्थितियों के कारण टीम को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कुछ समय बाद जब जवान नीचे पहुंचे तो JCO को मृत पाया गया। रात में ही शव को बाहर निकाला गया और कानूनी व मेडिकल औपचारिकताएं पूरी की गईं।
बॉडी भेजी गई होम टाउन, यूनिट में शोक की लहर
औपचारिकताएं पूरी होने के बाद JCO का पार्थिव शरीर उनके होम टाउन भेज दिया गया है। यूनिट में शोक का माहौल है। अधिकारी और साथी जवानों ने बताया कि वह एक बेहद अनुशासित और बहादुर सैनिक थे।


