सार
मानसून सत्र में केंद्र सरकार ने विवादित वक्फ़ बोर्ड संशोधन विधेयक पेश किया था लेकिन विपक्ष के भारी विरोध के चलते इसे पास नहीं कराया जा सका। इसके बाद विधेयक को जेपीसी को सौंप दिया गया।
JPC for Waqf Board amendment bill: वक्फ़ बोर्ड संशोधन बिल के लिए बनी जेपीसी की पहली मीटिंग 22 अगस्त को होगी। जेपीसी के चेयरपर्सन बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में मीटिंग की जाएगी। पहली मीटिंग में बिल के सभी पक्षों को जानने और इसके लिए आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। मीटिंग में कानून मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शामिल हो सकते हैं। जेपीसी में सत्ता और विपक्ष दोनों सदस्य शामिल हैं। इसमें अध्यक्ष सहित 31 मेंबर्स हैं।
दरअसल, वक्फ़ बोर्ड संशोधन विधेयक इस बार संसद के मानसून सत्र में पेश किया गया था। लेकिन मोदी सरकार के बीते 10 साल के कार्यकाल में यह पहला मौका रहा जब सरकार कोई बिल पास न करा सकी हो। वक्फ़ बोर्ड संशोधन विधेयक, विपक्ष के विरोध के चलते सरकार ने जेपीसी के पास भेजने का फैसला किया।
संसद की सहमति से 31 सदस्यीय जेपीसी का गठन
संसद की सहमति से सरकार ने जेपीसी बनाने का ऐलान किया। जेपीसी, लोकसभा और राज्यसभा के सभी दलों के प्रतिनिधित्व वाली कमेटी होती है जो किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सुनने और परीक्षण के बाद रिपोर्ट संसद को देती है। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा को सरकार की ओर से जानकारी दी कि जेपीसी में 21 लोकसभा सदस्य और 10 राज्यसभा सदस्य होंगे। बाद में लोकसभा सचिवालय ने जगदंबिका पाल को जेपीसी का चेयरपर्सन बनाए जाने का नोटिफिकेशन जारी किया।
कौन-कौन हैं जेपीसी में शामिल?
जेपीसी के चेयरपर्सन जगदंबिका पाल के अलावा इसमें लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, संजय जायसवाल, दिलीप सैकिया, अभिजीत गंगोपाध्याय, डीके अरुणा, गौरव गोगोई, इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी, कल्याण बनर्जी, ए.राजा, लावू श्रीकृष्णा देवरायालू, दिलेश्वर कमायत, अरविंद सावंत, सुरेश गोपीनाथ, नरेश गनपत म्हाक्षे, अरुण भारती और असदुद्दीन ओवैसी के अलावा राज्यसभा सांसद बृजलाल, मेधा विश्राम कुलकर्णी, गुलाम अली, राधा मोहन दास अग्रवाल, सैयद नासीर हुसैन, मोहम्मद नदीम-उल-हक, वी विजयसाई रेड्डी, मोहम्मद अब्दुल्ला, संजय सिंह और धर्मस्थला वीरेंद्र हेगड़े जेपीसी में शामिल किए गए हैं।
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