सार

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के तीन सदस्यीय पैनल ने जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Varma) का बयान दर्ज किया। उनके घर से कैश बरामदगी (Cash Recovery) मामले में जांच जारी। CJI संजीव खन्ना (CJI Sanjiv Khanna) ने गठित की समिति।

Justice Yashwant Varma cash recovery: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक पैनल ने जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Varma) के आवास पर पहुंचकर उनका बयान दर्ज किया। यह कार्रवाई उस मामले से जुड़ी है जिसमें उनके घर से कथित रूप से नकदी (Cash Recovery) बरामद हुई थी। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना (Sanjiv Khanna) ने तीन सदस्यीय समिति गठित की है। पैनल ने मंगलवार को जस्टिस वर्मा के घर पर उनका बयान लेने पहुंचा था।

तीन सदस्यीय समिति कर रही जांच

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना द्वारा गठित तीन सदस्यीय पैनल इस पूरे मामले की जांच कर रहा है। समिति ने जस्टिस वर्मा का बयान दर्ज करने के बाद जांच को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पैनल ने जस्टिस वर्मा से कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे और उनके जवाबों को रिकॉर्ड किया। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि बरामद नकदी का स्रोत क्या है और इस मामले में आगे की कार्रवाई क्या होगी।

न्यायपालिका में बढ़ी हलचल

कैश रिकवरी केस ने न्यायपालिका के भीतर हलचल मचा दी है। इस मामले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट की सख्त नजर बनी हुई है। उधर, केंद्र सरकार इस मामले के बाद कॉलेजियम को खत्म करने के लिए मंथन शुरू कर दी है। माना रहा है कि जजों की नियुक्ति को लेकर कुछ अहम फैसले लिए जा सकते हैं।

NJAC की बहाली के संकेत?

राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC Act) को 2014 में पारित किया गया था लेकिन 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए खारिज कर दिया था। अब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इसके फिर से बहाल होने के संकेत दिए हैं। 21 मार्च को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस मुद्दे को उठाया था, जबकि उपराष्ट्रपति धनखड़ ने संसद में कहा: इस सदन में लगभग सर्वसम्मति से पारित एक ऐतिहासिक कानून मौजूद है। यदि इसे लागू किया गया होता तो शायद आज हमें इस तरह की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ताread full story