सार

कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भाजपा में शामिल होना तय हो गया है। वह राज्यसभा का टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने नहीं दिया।

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कमल (भाजपा का चुनाव चिह्न) थामना तय हो गया है। कमलनाथ अपने बेटे नकुल नाथ और कई अन्य समर्थक नेताओं के साथ भाजपा में शामिल होंगे। इसके लिए आज शाम 5 बजे कार्यक्रम होने की उम्मीद है। इससे पहले कमलनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने वाले हैं। कमलनाथ दिल्ली में हैं। उनके समर्थक नेता और कार्यकर्ता भी दिल्ली पहुंच रहे हैं। 

इस वजह से कांग्रेस नेतृत्व से नाराज हुए कमलनाथ

इस बीच सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि कमलनाथ राज्यसभा का टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी नेतृ्त्व ने इनकार कर दिया था। इस बात से कमलनाथ नाराज हैं। ऐसी जानकारी मिल रही है कि कमलनाथ के पार्टी छोड़ने की खबरें सामने आने के बाद भी कांग्रेस नेतृत्व द्वारा उन्हें मनाने की कोशिश नहीं की जा रही है। कांग्रेस नेतृत्व ने उनसे संपर्क करने का प्रयास नहीं किया है। कमलनाथ ने अपने लिए राज्यसभा के सीट के लिए खूब कोशिश की थी, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। इस बात से कमलनाथ और उनका खेमा नाराज है।

भाजपा नेतृत्व के संपर्क में हैं कमलनाथ

कहा जा रहा है कि कमलनाथ और उनके बेटे भाजपा नेतृत्व के संपर्क में हैं और वे पाला बदल सकते हैं। शनिवार को कमलनाथ दिल्ली पहुंचे। इस दौरान उनसे जब भाजपा में शामिल होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सीधे इनकार नहीं किया। कमलनाथ ने मीडिया से कहा कि ऐसा कुछ हुआ तो सबसे पहले आपको बताएंगे। मीडियाकर्मियों ने जब कमलनाथ से कहा कि आप इनकार नहीं कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि इनकार की बात नहीं है। वह एक्साइटेड नहीं है। मीडिया के लोग एक्साइटेड हो रहे हैं। अगर कोई ऐसी बात होगी तो सबसे पहले मीडिया को बताएंगे।

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कमलनाथ को अब भाव देने के पक्ष में नहीं कांग्रेस नेतृत्व

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कमलनाथ खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। वहीं, सूत्रों के अनुसार कांग्रेस नेतृ्त्व कमलनाथ को अब अधिक भाव देने के पक्ष में नहीं है। कमलनाथ को ज्योतिरादित्य सिंधिया से आगे रखते हुए पार्टी ने मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन वह पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में कमलनाथ को सीएम पद का चेहरा बनाया, लेकिन पार्टी को हार मिली। कहा जा रहा है कि दिल्ली से भेजे गए किसी नेता के साथ कमलनाथ सहयोग नहीं करते थे।

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